इन्हे कानून, सेना के डंडे के बल पर या बातचीत के टेबल पर लाकर अधिकतर मामलों व मुद्दों को निपटा कर, शांत कर, सामान्य स्थिति बहाल की गई है। चाहे सरकार किसी भी दल की रही हो। फिर चाहे पंजाब में भिंडरावाले का खालिस्तान का आंदोलन रहा हो, जिस कारण से हुए "ऑपरेशन ब्लू स्टार" के कारण देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को अपनी जान तक का बलिदान करना पड़ा। अथवा नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, असम की बोडो समस्या हो, पश्चिम बंगाल की गोरखालैंड की समस्या हो या विभिन्न राज्यों में राज्य विभाजन (अलग राज्य) की मांग रही हो, लगभग सभी समस्याओं से कमोबेश निपटा गया है। शेष रह गई कुछ समस्याओं को भी सुलझाने के प्रयास लगातार चलते रहे हैं। याद कीजिए! इंदिरा गांधी ने पंजाब केसरी अखबार के मालिक लाला जगत नारायण, डीआईजी ए एस अटवाल की हत्या होने पर बिना देर किये अनुच्छेद 356 का उपयोग कर अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री दरबारा सिंह को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया था । इसी प्रकार पी वी नरसिम्हा राव ने वर्ष दिसम्बर 1993 में मणिपुर प्रदेश में अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री राजकुमार दोरेंद्र सिंह को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू किया था। जून 2001 में जब मणिपुर में हिंसा का पुनः दौर शुरू हुआ, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 6 दिन के भीतर ही विपक्षी दलों से मुलाकात कर मणिपुर के लोगों से "शांति की अपील" की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में अभी तक 121 बार राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा चुका है। जिसमें अधिकतम 10 बार जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश के साथ पूर्वोत्तर का सबसे छोटा राज्य मणिपुर, जिसकी जनसंख्या मात्र लगभग 30 लाख है, में भी 10 बार राष्ट्रपति शासन लागू किया जा चुका है। तब आज विकल्प हीन आवश्यकता होने पर भी फिर क्यों नहीं? 54 ईस्वी में 'रोम जल रहा था', तो एक कहावत प्रसिद्ध हो गई थी। आज मणिपुर जल रहा है तब...?
Diese Geschichte stammt aus der August 2023-Ausgabe von Open Eye News.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der August 2023-Ausgabe von Open Eye News.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
बुलडोजर कार्रवाई में अहम है 'सुप्रीम' आदेश
भारतीय राजनीति का स्वरूप अब बदल चुका है।
औद्योगिक क्षेत्र से श्रमिकों का कृषि की ओर बढ़ता रुझान
शहरों में जाकर काम करने वाले भारत के लोग बड़ी संख्या में अपने गांवों की ओर लौट रहे हैं।
रोजगार और निवेश से संपन्न, समृद्ध, स्वावलंबी बनता मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश को सम्पन्न, समृद्ध, स्वावलंबी और सक्षम राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जोर शोर से जुटे हुए हैं।
मुफ्त की रेवड़ियों ने सरकारों की कर दी वापसी
देश के मतदाता लगता है, मुफ्त की रेवड़ियों के लालच में मतदान करने लगे हैं। इसी का परिणाम है कि महाराष्ट्र और झारखंड में सत्ताएं बरकरार रही हैं।
आखिर अडानी के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़े हुए हैं अमेरिकी ?
बता दें कि यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस ने अदाणी पर भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (2200 करोड़ रुपए से ज्यादा) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है,जो एक गम्भीर बात है।
झारखंड में अमित शाह के ऐलान के मायने
1981 के जनगणना में आदिवासियों की आबादी में मामूली बढ़त देखी गई।
चुनाव आयोग को सजग सतर्क रहने की जरूरत
चुनाव प्रचार के दौरान भाषाई स्तर, नेताओं की भंगिमा और राजनीतिक जुमलों के प्रयोग ने मतदाताओं में चिन्ता पैदा की है।
फुड सेफ्टी डिसप्ले बोर्ड संबंधी दिशा निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन
खाद्य अधिकारी मानते हैं कि ये एक्ट नहीं है
20 लिटर जार में बिकने वाला पानी अमानक
पूरे देश में हट रोज 20 लिटर के जार में पेयजल खुले तौर पर बेचा जा रहा है जिसे आर.ओ. वॉटर के रूप में बेचा जाता है।
डबल इंजन की सरकार में तेज रफ्तार से चल रही है छत्तीसगढ़ में विकास की रेल-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में अब तेज रफ्तार से विकास की रेल चल रही है।