भारत ही नहीं पूरे विश्व की समस्या है कि इन देशों में विभिन्न स्त्रोतों से निकलने वाला दूषित जल विभिन्न जल स्त्रोतों जैसे तालाब, झील, धाराओं, नदी और समुद्र में बह जाता है! इन जल स्त्रोतों के अलावा यह दूषित जल हमारे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन 'भूजल' को भी गंभीर रूप से प्रदूषित करता है। यह पूरी तरह एक गलत धारणा है कि भूजल बहुत शुद्ध होता है, मगर दुर्भाग्य से ज्यादातर जलस्रोत खतरनाक मिनरल्स से भरे होते हैं। यह पूरी तरह से सिद्ध हो चुका है कि पानी की कुल सप्लाई का 85 फीसदी पानी बिना किसी उपचार के फिर से हमारे ईको सिस्टम में वापस चला जाता है। ये खतरनाक दुषित पानी लोगों के सेहत के साथ-साथ पर्यावरण पर भी बेहद प्रतिकूल असर डालता है। बिना उपचारित किया गया दूषित पानी बीमारियां तो फैलाता ही है साथ ही हमारे पीने के पानी को भी भारी तरीकों से गंदा करता है। समय के साथ-साथ दूषित पानी हमारे घरों, उद्योगों तथा बढ़ती व्यवसायिक गतिविधियों से लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे देश की बढ़ती आबादी, रहन-सहन का स्तर और विकास गतिविधियों का विस्तार होता है।
दूषित जल का उपचार जरूरी
Diese Geschichte stammt aus der December 2023-Ausgabe von Open Eye News.
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