कड़क सिंह में साक्षी का किरदार निभाते हुए क्या चुनौतियां आईं?
कड़क सिंह जैसी फिल्में कम बनती हैं। इसलिए ऐसी फिल्में कलाकार से ज्यादा परिश्रम, अनुशासन की मांग करती हैं। इसके लिए किसी भी कलाकार को अपनी क्षमता का विस्तार करना होता है। जीवन अनुभव का इस्तेमाल करना होता है। स्क्रिप्ट में साक्षी का किरदार जटिल और कई परतों में ढका हुआ है। इस तरह का किरदार मैंने कभी नहीं निभाया था। सच कहूं, तो शुरुआत में मुझे लग रहा था कि पता नहीं कैसे मैं इस मैं किरदार को निभा सकूंगी। किस तरह हो पाएगा। मगर जब मैंने निर्देशक के विश्वास को देखा तो मैं इसके प्रति आश्वस्त हुई। मैंने धीरे-धीरे किरदार को महसूस करना शुरू किया, इसके बारे में सोचना शुरू किया और देखते ही देखते मुझे इस किरदार में मजा आने लगा। जो सुकून, जो आनंद मैंने साक्षी के किरदार को निभाते हुए महसूस किया, पहले कभी नहीं किया। मैंने महसूस किया कि कलाकार का असली प्रतिभा इसी तरह के किरदारों से निखरता है।
पंकज त्रिपाठी जैसे सशक्त अभिनेता आपके सामने थे। क्या सीखने को मिला?
Diese Geschichte stammt aus der February 05, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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