कई बार ऐसा होता है कि घाव दिखता नहीं लेकिन गहरा होता है; बहुत सालता है, लंबे समय तक धपधपाता रहता है, शायद ताउम्र! बात दो लोगों की है। ये दोनों ही लोग मेरे देश के नहीं हैं। इनमें एक रूस का है और दूसरा अमेरिका का। कितनी हैरानी की बात है कि एक-दूसरे के सर्वथा विरोध में खड़े दो मुल्कों के दो लोग इन दिनों मेरे भीतर ऐसी हलचल मचा रहे हैं कि मैं स्थिर नहीं हो पा रहा हूं।
आरोन बुश्नेल नाम था उसका! अमेरिका की वायु सेना का सिपाही था। सेना में अनिवार्य भर्ती के नियम के कारण बुश्नेल सेना में था। बुश्नेल के मन में युद्ध व हत्याओं को लेकर उलझन थी। फलस्तीन पर इजरायली आक्रमण और उसमें अमेरिका की भूमिका ने उसे विचलित कर दिया। बुश्नेल के सामने यह सवाल कुछ दूसरी तरह से खड़ा हुआ था। वह प्रतिवाद करने वालों में एक तो था ही, लेकिन यह भी जानता था कि गजा को मटियामेट करने वालों में भी वह एक है। उसका अपराधबोध अलग स्तर का था। इसलिए उसका जवाब भी अलग तरह से आया, जब 25 फरवरी 2024 की दोपहर 25 साल के इस फौजी को हम तेजी से चल कर अमेरिका स्थित इजरायली दूतावास की तरफ जाते देखते हैं।
Diese Geschichte stammt aus der April 01, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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नई लीक के सूत्रधार
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किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं