अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर जगह राम नाम ही गूंज रहा है। कुछ दिन पहले राम मंदिर में राग सेवा का 45 दिवसीय कार्यक्रम पूरा हुआ, जिसमें देश भर के दिग्गज कलाकारों ने राम लला की सेवा में कलार्पण किया। डाक विभाग ने राम मंदिर के नए टिकट भी जारी किए। टेलीविजन भी राम भक्ति रस से परिपूर्ण है। प्रतिदिन प्रातः दूरदर्शन पर राम लला की आरती का सीधा प्रसारण होता है। जनवरी में सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन ने श्रीमद रामायण नामक नए धारावाहिक का प्रसारण शुरू किया, जिसका निर्माण सिद्धार्थ कुमार तेवरी ने किया है। फरवरी से दूरदर्शन और शेमारू टीवी पर रामानंद सागर की रामायण का पुनः प्रसारण भी शुरू हुआ।
पिछले साल रामायण पर आधारित ओम राउत की आदिपुरुष बॉक्स ऑफिस पर असफल रही और उसे दर्शकों और विशेषज्ञों की आलोचना का सामना करना पड़ा। आने वाले समय में बड़े और छोटे परदे पर रामायण बनाने की योजनाएं बन रही हैं। नितेश तिवारी इस साल रणबीर कपूर को लेकर एक और रामायण बना रहे हैं। दूरदर्शन पर भी एक नया रामायण धारावाहिक प्रसारित होने वाला है। पर इनमें से कितने दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे, यह अब चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
इस बात से कोई नकार नहीं कर सकता कि 1987 में रामानंद सागर की रामायण के प्रसारण का भारत की राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा। कहने वाले तो यह कहते हैं कि इस सीरियल से मंदिर आंदोलन को नई ऊर्जा मिली थी। रामायण के प्रसारण के बाद राजीव गांधी सरकार की देखरेख में अयोध्या में मंदिर का शिलान्यास हुआ और 1990 में लालकृष्ण अाडवाणी का रामरथ सोमनाथ से अयोध्या की ओर चल पड़ा। रथ अयोध्या तो नहीं पहुंचा मगर छह साल बाद भाजपा ने केंद्र में पहली बार अपनी सरकार बनाई।
नए दौर की रामायण
Diese Geschichte stammt aus der May 27, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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