क्या बदलाव होने वाला है?
Outlook Hindi|June 10, 2024
इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में सवर्णों को अपने धर्म और वर्चस्व की चिंता दिख रही है, तो अवर्ण समाज के दिल को संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा छू रहा
अरुण कुमार त्रिपाठी
क्या बदलाव होने वाला है?

पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को तीन बार चुनकर संसद में भेजने वाले ऐतिहासिक लोकसभा क्षेत्र फूलपुर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के लिए उमड़ी भीड़ का अनियंत्रित उत्साह अगर कोई संकेत है, तो कहा जा सकता है कि यह चुनाव बड़े बदलाव का संकेत है। उत्साह इतना जबरदस्त था कि दोनों नेता अपना भाषण तक नहीं दे पाए। तो क्या प्रोफेसर जवीद आलम का वह निम्न वर्ग (सबाल्टर्न)- जिसे वे ‘लोकतंत्र का तलबगार’ कहते हैं- लोकतंत्र को बचाने के लिए उठकर खड़ा हो गया है?

इस उत्साह को देखकर समाजवादी पार्टी के नेता कहने लगे हैं कि उनका पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक का फार्मूला चल निकला है। कांग्रेस के लोग कहने लगे हैं कि उनके घोषणापत्र में दिए पांच न्याय लोगों को पसंद आ गए हैं।

पांचवें चरण के मतदान की 49 सीटों में उत्तर प्रदेश की 14 सीटें थीं। इनमें कुछ अवध और कुछ बुंदेलखंड की थीं। इनमें से कम से कम पांच सीटों का लाभ तो कंजूसी से किए गए आकलन में भी इंडिया गठबंधन को दिख रहा था, लेकिन फूलपुर और प्रयागराज की सभाएं और पूरब की सीटों पर सबाल्टर्न तबके के भीतर संविधान और लोकतंत्र के लिए बढ़ता संकल्प अगर कोई संकेत है, तो मान लेना चाहिए कि इस चुनाव में हिंदुत्व और कॉरपोरेट का एजेंडा पछाड़ खा रहा है। आश्चर्य है कि समाज के जिस तबके ने संविधान को ठीक से पढ़ा नहीं है आज वह अपने जीवन में उसकी सार्थकता और उससे बाबासाहब आंबेडकर के भावुक लगाव को महसूस करने लगा है। यही कारण है कि गोंडा संसदीय सीट पर- जहां राजा साहब यानी कीर्तिवर्धन सिंह का अपनी पुरानी रियाया पर बहुत दबाव था कि मोदी का कमल खिलाएं- वकील राम बहाल संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए साइकिल दौड़ा रहे थे। बस्ती सीट पर प्रधानी का चुनाव हारने वाले दुखरन भी यही चिंता जताते हैं कि संविधान खत्म हो सकता है, हालांकि वे मायावती का मोह छोड़ नहीं पाते।

Diese Geschichte stammt aus der June 10, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

Diese Geschichte stammt aus der June 10, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.

Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.

WEITERE ARTIKEL AUS OUTLOOK HINDIAlle anzeigen
गांधी पर आरोपों के बहाने
Outlook Hindi

गांधी पर आरोपों के बहाने

गांधी की हत्या के 76 साल बाद भी जिस तरह उन पर गोली दागने का जुनून जारी है, उस वक्त में इस किताब की बहुत जरूरत है। कुछ लोगों के लिए गांधी कितने असहनीय हैं कि वे उनकी तस्वीर पर ही गोली दागते रहते हैं?

time-read
3 Minuten  |
January 20, 2025
जिंदगी संजोने की अकथ कथा
Outlook Hindi

जिंदगी संजोने की अकथ कथा

पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट परदे पर नुमाया एक संवेदनशील कविता

time-read
4 Minuten  |
January 20, 2025
अश्विन की 'कैरम' बॉल
Outlook Hindi

अश्विन की 'कैरम' बॉल

लगन और मेहनत से महान बना खिलाड़ी, जो भारतीय क्रिकेट में अलग मुकाम बनाने में सफल हुआ

time-read
4 Minuten  |
January 20, 2025
जिसने प्रतिभाओं के बैराज खोल दिए
Outlook Hindi

जिसने प्रतिभाओं के बैराज खोल दिए

बेनेगल ने अंकुर के साथ समानांतर सिनेमा और शबाना, स्मिता पाटील, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, गिरीश कार्नाड, कुलभूषण खरबंदा और अनंतनाग जैसे कलाकारों और गोविंद निहलाणी जैसे फिल्मकारों की आमद हिंदी सिनेमा की परिभाषा और दुनिया ही बदल दी

time-read
3 Minuten  |
January 20, 2025
सुविधा पचीसी
Outlook Hindi

सुविधा पचीसी

नई सदी के पहले 25 बरस में 25 नई चीजें, जिन्होंने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से बदल डाली

time-read
10+ Minuten  |
January 20, 2025
पहली चौथाई के अंधेरे
Outlook Hindi

पहली चौथाई के अंधेरे

सांस्कृतिक रूप से ठहरे रूप से ठहरे हुए भारतीय समाज को ढाई दशक में राजनीति और पूंजी ने कैसे बदल डाला

time-read
10+ Minuten  |
January 20, 2025
लोकतंत्र में घटता लोक
Outlook Hindi

लोकतंत्र में घटता लोक

कल्याणकारी राज्य के अधिकार केंद्रित राजनीति से होते हुए अब डिलिवरी या लाभार्थी राजनीति तक ढाई दशक का सियासी सफर

time-read
5 Minuten  |
January 20, 2025
नई लीक के सूत्रधार
Outlook Hindi

नई लीक के सूत्रधार

इतिहास मेरे काम का मूल्यांकन उदारता से करेगा। बतौर प्रधानमंत्री अपनी आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस (3 जनवरी, 2014) में मनमोहन सिंह का वह एकदम शांत-सा जवाब बेहद मुखर था।

time-read
4 Minuten  |
January 20, 2025
दो न्यायिक खानदानों की नजीर
Outlook Hindi

दो न्यायिक खानदानों की नजीर

खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा

time-read
5 Minuten  |
January 20, 2025
एमएसपी के लिए मौत से जंग
Outlook Hindi

एमएसपी के लिए मौत से जंग

किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं

time-read
3 Minuten  |
January 20, 2025