पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इस चुनाव में अपना किला बचा ले गईं। 42 सीटों में से टीएमसी की झोली में 29 सीटें आईं। इन सात में से छह सीटें पहले भारतीय जनता पार्टी और एक सीट कांग्रेस के पास थी। राज्य सरकार के खिलाफ नरेंद्र मोदी के बड़बोले प्रचार के बावजूद भाजपा 2019 के अपने प्रदर्शन का एक-तिहाई गंवा बैठी। उसकी सीटें 18 से घटकर 12 हो गई। बंगाल से केंद्र सरकार के तीन राज्य मंत्री चुनाव लड़ रहे थे। कूचबिहार से गृहराज्य मंत्री निशीथ प्रामाणिक और बांकुरा से शिक्षा राज्य मंत्री सुभास सरकार हार गए। जहाजरानी राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर बोंगांव की सीट बचा ले गए। यहां मटुवा-नामशूद्र प्रवासी हिंदू समुदाय की बहुलता है। मटुआ बहुल दूसरी राणाघाट सीट भी भाजपा ने बचा ली।
पहले कांग्रेस की यहां दो लोकसभा सीटें थीं। उसमें से एक कांग्रेस हार गई। यहां से बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी लड़ रहे थे। चौधरी निवर्तमान लोकसभा में कांग्रेस के नेता सदन भी थे और 1999 से लगातार बहरामपुर से चुनकर आ रहे थे। चौधरी को पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने हराया। राज्य में तीसरी ताकत बन चुके वाम दलों और कांग्रेस गठबंधन ने आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर जीत तय करने में निर्णायक भूमिका निभाई।
Diese Geschichte stammt aus der June 24, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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मराठी महाभारत
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