पन्ना जिले में ही नहीं, मध्य प्रदेश के समूचे बुंदेलखंड में अक्सर लोग कहते सुने जाते हैं कि उनके घर में एक वक्त ऐसा था जब खाने के लिए अनाज भी नहीं होता था, फिर किस्मत पलटी, एक हीरा मिला और आज उनके पास सब कुछ है। किसी मजदूर या किसान की किस्मत पलटने वाली कहानियां देश के कोने-कोने से पन्ना में लोगों को खींच कर ले आती हैं। कुछ ऐसी ही कहानी पन्ना के नारंगी बाग में रहने वाले स्वामीदीन पाल की है।
स्वामीदीन पाल ने जनवरी में पन्ना जिला हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर हीरे की खदान की अर्जी लगाई। इसकी कोई गारंटी नहीं थी कि जितना क्षेत्र पट्टे पर उसे मिला था उसमें उसे हीरा मिल ही जाता, पर इसके लिए उसे महज 200 रुपये सालाना कार्यालय में जमा कराने थे। कानूनी तरीके से हीरा खोजने के लिए प्रक्रिया का पालन होते ही कोई भी चिन्हित खदान के क्षेत्रों में 8x8 मीटर के भूखंड को पट्टे पर लेकर वहां खुदाई एक साल तक कर सकता है। इसी के तहत कार्यालय ने पाल को ग्राम सरकोहा में खदान लगाने की मंजूरी दे दी।
Diese Geschichte stammt aus der October 28, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
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