ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पारी जहां से छोड़ी थी, वहीं से उन्होंने फिर से शुरुआत की है। कमबैक किंग पंत अब 2022 की उस भयावह रात के डरावने सपने को बहुत पीछे छोड़ चुके हैं। पहले आइपीएल, फिर टी20 अंतरराष्ट्रीय, एकदिवसीय मुकाबले और अब सबसे लंबे टेस्ट फॉर्मेट में ऋषभ की वापसी उनके दृढ़ संकल्प और लाजवाब मेहनत का नतीजा है। एक रात जिंदगी से लगभग हार जाने से लेकर आज भारत के लिए मैच जिताऊ पारी खेलने तक, पंत ने लंबा रास्ता तय किया है। पंत ने चेन्नै में पहले टेस्ट में बांग्लादेश पर भारत की 280 रन की जीत में सबसे लंबे प्रारूप में अपनी दक्षता की याद दिला दी। पंत ने पहली पारी में 52 गेंदों में 39 रन बनाए। दूसरी पारी में उन्होंने 128 गेंदों में 109 रन बनाए। यह पंत का अब तक के करियर का छठा शतक था। ऋषभ अपने साथ केवल रनों का खजाना लेकर नहीं आते, बल्कि खेलने का ऐसा अंदाज लेकर आते हैं, जो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की याद दिलाता है। स्थिति कोई भी हो, टीम के सबसे सकारात्मक खिलाड़ी के रूप में ऋषभ का हाथ आपको हमेशा खड़ा मिलेगा। आज दुनिया ने मान लिया है, सैटबैक चाहे कैसा भी हो, कमबैक ऋषभ पंत जैसा ही होना चाहिए।
Diese Geschichte stammt aus der October 28, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der October 28, 2024-Ausgabe von Outlook Hindi.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
'वाह उस्ताद' बोलिए!
पहला ग्रैमी पुरस्कार उन्हें विश्व प्रसिद्ध संगीतकार मिकी हार्ट के साथ काम करके संगीत अलबम के लिए मिला था। उसके बाद उन्होंने कुल चार ग्रैमी जीते
सिने प्रेमियों का महाकुंभ
विविध संस्कृतियों पर आधारित फिल्मों की शैली और फिल्म निर्माण का सबसे बड़ा उत्सव
विश्व चैंपियन गुकेश
18वें साल में काले-सफेद चौखानों का बादशाह बन जाने वाला युवा
सिनेमा, समाज और राजनीति का बाइस्कोप
भारतीय और विश्व सिनेमा पर विद्यार्थी चटर्जी के किए लेखन का तीन खंडों में छपना गंभीर सिने प्रेमियों के लिए एक संग्रहणीय सौगात
रफी-किशोर का सुरीला दोस्ताना
एक की आवाज में मिठास भरी गहराई थी, तो दूसरे की आवाज में खिलंदड़ापन, पर दोनों की तुलना बेमानी
हरफनमौला गायक, नेकदिल इंसान
मोहम्मद रफी का गायन और जीवन समर्पण, प्यार और अनुशासन की एक अभूतपूर्व कहानी
तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
रफी जैसा बनने में केवल हुनर काम नहीं आता, मेहनत, समर्पण और शख्सियत भी
'इंसानी भावनाओं को पर्दे पर उतारने में बेजोड़ थे राज साहब'
लव स्टोरी (1981), बेताब (1983), अर्जुन (1985), डकैत (1987), अंजाम (1994), और अर्जुन पंडित (1999) जैसी हिट फिल्मों के निर्देशन के लिए चर्चित राहुल रवैल दो बार सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं।
आधी हकीकत, आधा फसाना
राज कपूर की निजी और सार्वजनिक अभिव्यक्ति का एक होना और नेहरूवादी दौर की सिनेमाई छवियां
संभल की चीखती चुप्पियां
संभल में मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के बाद हुई सांप्रदायिकता में एक और कड़ी