चंचल छाया
Sarita|December Second 2023
ऐक्शन के दम पर बेसिरपैर कहानी
चंचल छाया

एनिमल

आज से 10 वर्षों पहले आई अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' को सब से हिंसक फिल्म माना जाता था लेकिन अब निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने हिंसा के मामले में 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' को पीछे छोड़ दिया है. अब 'एनिमल' को बौलीवुड की सब से ज्यादा हिंसक फिल्म माना जा रहा है.

इस फिल्म में नायक रणबीर कपूर को खूंखार जानवर की तरह दिखाया गया है जो खून की होली खेलने से भी पीछे नहीं हटता. कमजोर दिल वालों को यह फिल्म नहीं देखनी चाहिए. खूनखराबे के मामलों में यह फिल्म 'गौडफादर' और 'किल बिल' जैसी फिल्मों की याद दिलाती है. मारकाट वाली फिल्मों के शौकीन दर्शकों को यह फिल्म अच्छी लग सकती है.

कहते हैं हर इंसान के अंदर एक जानवर होता है जो वैसे तो किसी को कुछ नहीं कहता मगर कोई उसे या उस के परिवार वालों पर जानलेवा हमला करे तो वह हमला करने वालों के खून का प्यासा हो जाता है.

इस फिल्म में नायक को हिंसक दिखाया गया है. नायक विजय (रणबीर कपूर) अपने अरबपति पिता बलबीर सिंह (अनिल कपूर) को दीवानगी की हद तक चाहता है मगर पिता रातदिन बिजनैस में बिजी रहने के कारण बेटे को प्यार व समय नहीं दे पाता. पिता का ध्यान आकर्षित करने के लिए वह हिंसा का सहारा लेता है.

Diese Geschichte stammt aus der December Second 2023-Ausgabe von Sarita.

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