![जेलों में महिला कैदी हो रही हैं गर्भवती जेलों में महिला कैदी हो रही हैं गर्भवती](https://cdn.magzter.com/1338812051/1708753761/articles/itaABXlm_1709099598689/1709099926552.jpg)
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस शिवगनामन और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य के सामने एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. अदालत के सामने एक जनहित याचिका दायर की गई, जिस में कहा गया कि राज्य की जेलों में महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं. ये महिलाएं जेलों में अपनी सजा काटने के दौरान गर्भवती हो रही हैं, याचिका में अदालत से सुधारगृहों के पुरुष कर्मचारियों के उन बाड़ों में काम करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया, जहां महिला कैदियों को रखा जाता है. याचिका में इस को बहुत ही गंभीर मामला कहा गया है.
याचिका में कहा गया कि जेलों में अब तक कम से कम 196 शिशुओं ने जन्म लिया है. यह मामला जेल के अंदर बंद महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ा है. अदालत ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है. अदालत ने इन सभी मामलों को आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ को स्थानांतरित कर दिया है.
एनसीआरबी ने 2023 की अपनी रिपोर्ट में बताया कि पश्चिम बंगाल की जेलों में क्षमता से अधिक (1.3) महिला कैदी बंद हैं. पश्चिम बंगाल की जेलों में 19,556 पुरुष और 1,920 महिलाएं कैद हैं.
आमतौर पर जब महिलाएं जेल भेजी जाती हैं तो उन का मैडिकल टैस्ट होता है. खासतौर पर यह देखा जाता है कि महिला गर्भवती है या नहीं? पश्चिम बंगाल की जेलों में जिन महिलाओं का मुद्दा उठ रहा है वह इस से अलग है. वहां जिन महिलाओं की बात हो रही है वे जेल में रहते हुए गर्भवती हुईं. जेलों में महिला के साथ बलात्कार होना सरल काम नहीं है. वहां सुरक्षाकर्मी और जेल सहकर्मी दोनों ही होते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि कैसा शोषण है?
क्या कहता है आर्टिकल 21
यह मसला शोषण से अधिक सैक्सुअलिटी का लगता है. सैक्स के बारे में समाज की सोच बेहद रूढ़िवादी है. सैक्स जिंदगी से वैसा ही गुंथा है जैसा इसे होना चाहिए. सैक्सुअलिटी जिंदगी है. इसी के जरिए जिंदगी आगे बढ़ती है, यही प्रकृति है. संविधान ने भी आर्टिकल 21 के तहत इस को मौलिक अधिकार माना है.
Diese Geschichte stammt aus der February Second 2024-Ausgabe von Sarita.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent ? Anmelden
Diese Geschichte stammt aus der February Second 2024-Ausgabe von Sarita.
Starten Sie Ihre 7-tägige kostenlose Testversion von Magzter GOLD, um auf Tausende kuratierte Premium-Storys sowie über 8.000 Zeitschriften und Zeitungen zuzugreifen.
Bereits Abonnent? Anmelden
![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
![सरकार थोप रही मोबाइल सरकार थोप रही मोबाइल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/PC285IuYk1739280195789/1739280474981.jpg)
सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
![सास बदली लेकिन नजरिया नहीं सास बदली लेकिन नजरिया नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/pg03lBb3y1739281192590/1739281417705.jpg)
सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
![अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़ अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/s4o9Sj54G1739278764498/1739279348669.jpg)
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
![किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/9JDheV0BY1739279671565/1739280166756.jpg)
किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
![युवाओं के सपनों के घर पर डाका युवाओं के सपनों के घर पर डाका](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/SzT5OWXW71739279379347/1739279671358.jpg)
युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.