जीवनसाथी के साथ हमारा रिश्ता बहुत गहरा होता है. उसे हमारे सारे राज पता होते हैं और उस के बिना हमारा काम भी नहीं चलता. जब तक इस रिश्ते में प्यार की मिठास घुली रहती है, सबकुछ अच्छा चलता है. दुनिया सुहानी लगती है और हम अंदर से भी बेहतर महसूस करते हैं. रिश्ता सफल है तो आप के शरीर में फील गुड हार्मोन पैदा होते हैं. ये हार्मोन सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा देने और सेहत को बेहतर करने में मदद करते हैं जैसे कि सेरोटोनिन, डोपामाइन, औक्सीटोसिन आदि.
यदि आप अपने पार्टनर को गले लगाते हैं या उस के साथ सुखद सैक्स प्रक्रिया से गुजरते हैं तो आप का स्ट्रैस लैवल और हाइपरटेंशन कम होता है. शोध बताते हैं कि जीवनसाथी के साथ मजबूत साझेदारी हमें बीमारी से बचने, स्वस्थ आदतों को अपनाने और यहां तक कि लंबे समय तक जीने में मदद कर सकती है.
मगर जब मिठास की जगह कड़वाहट लेने लगे तो समझिए आप बिन बुलाए बीमारियों को न्योता दे रहे हैं. दरअसल, आप का शारीरिक स्वास्थ्य आप के मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. यदि आप का मन खुश है तो निश्चित ही आप शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ रहेंगे. लेकिन इस के विपरीत, यदि आप का मन ही खुश नहीं है तो इस का प्रभाव आप के चेहरे और शरीर पर दिखेगा. तनावपूर्ण रिश्ता तनाव और बीमारियां बढ़ाता है और खुशियां छीन लेता है. यह सेहत को बिगाड़ने का काम भी करता है. किसी रिश्ते में तनाव ज्यादा होने पर इंसान की इम्युनिटी पर भी बुरा असर पड़ता है और उसे छोटीबड़ी कई तरह की परेशानियां घेरने लगती हैं.
वजन का बढ़ना
Diese Geschichte stammt aus der May Second 2024-Ausgabe von Sarita.
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बारबार पेशाब करने को मजबूर होना ओवरऐक्टिव ब्लैडर होने का संकेत होता है. यह समस्या पुरुष और महिलाओं दोनों को हो सकती है. महिलाओं में तो ओएबी और मेनोपौज का कुछ संबंध भी होता है.
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