![कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड कंगाली और गृहयुद्ध के मुहाने पर बौलीवुड](https://cdn.magzter.com/1338812051/1730975455/articles/DVMsWmawQ1731058290378/1731058757145.jpg)
बौलीवुड में 4 जून, 2024 के बाद हालात काफी बदल गए हैं. केंद्र में कमजोर सरकार के बाद से भाजपा समर्थित बौलीवुड का धड़ा लोगों के निशाने पर आ गया है. कल तक लोग 'द कश्मीर फाइल्स' फेम फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री के साए के भी साथ रहने या उन की हां में हां मिलाने में ही अपनी भलाई समझते थे. कल तक विवेक रंजन अग्निहोत्री की हां में हां न मिलाने वालों के साथ क्या होता था, इस को ले कर कई तरह की अफवाहें गरम रही हैं.
हम उन अफवाहों में नहीं पड़ना चाहते. लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि कई लोगों ने खुल कर विवेक रंजन अग्निहोत्री को जवाब देना शुरू कर दिया है कि वे उन के साथ काम नहीं करेंगे. हालात ऐसे हो गए हैं कि विवेक रंजन अग्निहोत्री की नई फिल्म में अभिनय करने के लिए कलाकार नहीं मिल रहे.
मजबूरन विवेक रंजन अग्निहोत्री ने अपनी इज्जत बचाने के लिए ट्वीट कर दिया कि उन्होंने एक कलाकार को उस के बिजनैस मैनेजर से तंग आ कर अपनी फिल्म से निकाल दिया. हकीकत में उस कलाकार ने ही उन के साथ काम करने से इनकार कर दिया.
विवेक अग्निहोत्री पर आरोप
फिल्मकार विवेक रंजन अग्निहोत्री की कंपनी में स्क्रिप्ट सुपरवाइजर के रूप में काम करने वाले आशीष दुबे ने विवेक रंजन अग्निहोत्री पर आरोप लगाया है कि विवेक ने उन का मेहनताना नहीं दिया.
मशहूर अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उन की पत्नी के बीच झगड़े की कहानियां सुनतेसुनते हम सभी थक चुके हैं। पर अब जब नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उन की पत्नी के बीच सुलहनामा हो चुका है तो अब नए सिरे से नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी विवादों में आ गई हैं. नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पत्नी पर आरोप लगा है कि उन्होंने एक शख्स से फिल्म बनाने के लिए 2019 में तकरीबन 41 लाख रुपए लिए थे पर अब तक न उन्होंने फिल्म बनाई और न ही वे पैसे वापस देने को तैयार हैं.
धोखाधड़ी का केस
Diese Geschichte stammt aus der November First 2024-Ausgabe von Sarita.
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![मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/LowUfbRDd1739346630309/1739346915320.jpg)
मौन का मूलमंत्र जिंदगी को बनाए आसान
हम बचपन में बोलना तो सीख लेते हैं मगर क्या बोलना है और कितना बोलना है, यह सीखने के लिए पूरी उम्र भी कम पड़ जाती है. मौन रहना आज के दौर में ध्यान केंद्रित करने की तरह ही है.
![सरकार थोप रही मोबाइल सरकार थोप रही मोबाइल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/PC285IuYk1739280195789/1739280474981.jpg)
सरकार थोप रही मोबाइल
सरकार द्वारा कई स्कीमों को चलाया जा रहा है. बिना एडवांस मोबाइल फोन और इंटरनैट सेवा की इन स्कीमों का फायदा उठाना असंभव है. ऐसा अनावश्यक जोर क्या सही है?
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सास बदली लेकिन नजरिया नहीं
सास और और बहू को एकदूसरे की भूमिका को स्वीकार करना चाहिए. सास पुरानी परंपराओं का पालन करते हुए बहू को सिखा सकती है और बहू नई सोच व नए दृष्टिकोण से घर को बेहतर बना सकती है.
![अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़ अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/s4o9Sj54G1739278764498/1739279348669.jpg)
अमेरिका में भी पनप रहा ब्राह्मण व बनिया गठजोड़
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिए पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.
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किस संतान को मिले संपत्ति पर ज्यादा हक
यह वह दौर हैं जब पेरैंट्स की सेवा न करने वाली संतानों की अदालतें तक खिंचाई कर रही हैं लेकिन मांबाप की दिल से सेवा करने वाली संतान के लिए जायदाद में ज्यादा हिस्सा देने पर वे भी अचकचा जाती हैं क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. क्या यह ज्यादती नहीं?
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युवाओं के सपनों के घर पर डाका
नौकरीपेशा होम लोन ले कर अपने सपनों का आशियाना खरीद लेते हैं. लेकिन यहां समस्या तब आती है जब किसी यूइत में वे लोन नहीं चुका पाते. ऐसे में कई बार उन्हें अपने घर से हाथ धोना पड़ता है.
![मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/kAkDNoyBV1739280807508/1739281176766.jpg)
मेलजोल के अवसर बुफे पार्टी
बूफे पार्टी में मेहमान भोजन और अच्छे समय का आनंद लेने के साथसाथ सोशल गैदरिंग के चलन को भी जीवित रखते हैं. यह अवसर न केवल खानपान के लिए होता है बल्कि यह लोगों के बीच बातचीत, हंसीमजाक और आपसी विचारों के आदानप्रदान का एक साधन भी है.
![अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1990019/RkxmXuMNk1739280478617/1739280798357.jpg)
अल्लू अर्जुन को जेल भगवान दोषमुक्त
एक तरह के हादसे पर कानून दो तरह से कैसे काम कर सकता है? क्या यह न्याय और संविधान दोनों का अपमान नहीं ?
![ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/jsAA7PQtH1737712505485/1737712993859.jpg)
ऊंचे ओहदे वालों में अकड़ क्यों
कुछ लोगों में अपने रुतबे को ले कर अहंकार होता है. उन्हें लगता है कि उन का ओहदा, उन का पद बैस्ट है. वे सुपीरियर हैं. यह सोच अहंकार और ईगो लाती है जो इंसान के व्यवहार में अड़चन डालती है.
![बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/871/1971251/igzsVRgNl1737713300356/1737713410810.jpg)
बंटोगे तो कटोगे वाला नारा प्रधान राष्ट्र
देश नारा प्रधान है. काम भले कुछ न हो रहा हो पर पार्टियां और सरकारों द्वारा उछाले नारों की खुमारी जनता पर खूब छाई रहती है.