ईश्वर का वरदान : संजीवनी तुलसी
Rishi Prasad Hindi|December 2022
तुलसी पूजन दिवस : २५ दिसम्बर
ईश्वर का वरदान : संजीवनी तुलसी

हिन्दू धर्म में तुलसी को उसके धार्मिक, वैज्ञानिक और ज्योतिषीय गुणों के कारण बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। तुलसी की महिमा कई शास्त्रों ने गायी है। आयुर्वेद व विज्ञान ने तुलसी को पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण माना है। 

कैसी अद्भुत है तुलसी की महिमा! 

पूज्य बापूजी के सत्संग वचनामृत में आता है : "तुलसी रोग के कीटाणुओं को नष्ट करती है, भूख लगाती है, हृदय व दिमाग को बहुत फायदा करती है, मानो यह ईश्वर की तरफ से आरोग्य की संजीवनी है संजीवनी ! मेरे को तो बहुत फायदा हुआ।

तुलसी के पत्ते ऑक्सीजन देते हैं। सुबह-सुबह तुलसी के पौधे में १ लोटा पानी डालने व तुलसी का दर्शन करने से सुवर्णदान का फल मिलता है, हृदय में आनंद आता है। यमदूत तकलीफ नहीं करते, मरने के बाद व्यक्ति भगवान के धाम में जाता है।

तुलसी के ५ पत्ते चबाकर पानी पी लें, दाँतों में तुलसी के पत्तों के कण रह न जायें इसका ध्यान रखें। इससे पेट की तकलीफें, कैंसर की बीमारी नहीं होती और पाप मिट जाते हैं। बच्चों को स्मरणशक्ति बढ़ाने के लिए प्रतिदिन तुलसी के ५ पत्ते खाने चाहिए (रविवार, अमावस्या, पूर्णिमा को न खायें)। कई बच्चों को फायदा हुआ है। ८०० बीमारियों को ठीक करने की ताकत तुलसी में है। 

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