पंचकोष-साक्षी शंका-समाधान
Rishi Prasad Hindi|December 2024
(पिछले अंक में आपने पंचकोष-साक्षी विवेक के अंतर्गत जाना कि पंचकोषों का साक्षी आत्मा उनसे पृथक् है । उसी क्रम में अब आगे...)
स्वामी अखंडानंदजी
पंचकोष-साक्षी शंका-समाधान

शंका : पंचकोषों से व्यतिरिक्त कोई आत्मा अनुभव में नहीं आता । फिर 'मैं आत्मा इन कोषों से पृथक् हूँ' यह अनुभव कैसे हो?

समाधान : यह ठीक है कि अहं प्रत्यय इन्हीं पाँच कोषों के अंतर्गत उपलब्ध होता है किंतु आत्मा अहं-प्रत्यय नहीं है, अहं प्रत्यय का साक्षी है। साक्षी कोषातीत है और सारे कोषों का अनुभव उसीसे होता है। साक्षी किसी कोष में नहीं रहता, उलटे सभी कोषों का अधिष्ठान (आधार) यही साक्षी है।

Diese Geschichte stammt aus der December 2024-Ausgabe von Rishi Prasad Hindi.

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