सिंड्रेला
Naye Pallav|Naye Pallav 17
हर लड़की को अपने राजकुमार का इंतजार होता है, जो घोड़ी में आकर उसे ले जाये। लगभग सभी लड़कियां यही सपने देखकर बड़ी होती हैं। सिंड्रेला भी ऐसी ही लड़की थी, जो बचपन से अपने राजकुमार का इंतजार करती आ रही थी। सिंड्रेला के हालात बहुत खराब एवं मजबूरी भरी थे, तब भी उसने यह सपना देखना नहीं छोड़ा था। सिंड्रेला के जीवन में एक परी आती है, जो उसके जीवन को बदल देती है, उसे उसके राजकुमार से मिलाती है। चलिए, आज आपको परियों की दुनिया में लेकर चलते हैं और सिंड्रेला और उसके राजकुमार से मिलाते हैं।
सिंड्रेला

प्राचीन समय की बात है। कहीं दूर देश में सिंड्रेला नाम की एक सुंदर लड़की रहती थी। खुबसूरत होने के साथ-साथ सिंड्रेला बहुत समझदार और दयालु भी थी।

सिंड्रेला की मां का बचपन में ही देहांत हो गया था। मां के देहांत के बाद सिंड्रेला के पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। अब वह अपने पिता, सौतेली मां और दो सौतेली बहनों के साथ ही रहा करती थी।

सौतेली मां और बहनें सिंड्रेला को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थीं। उसकी खुबसूरती और समझदारी से वे तीनों हमेशा जलती रहती थीं, क्योंकि उसकी दोनों सौतेली बहनें न तो खुबसूरत थीं और न ही समझदार।

एकदिन की बात है। सिंड्रेला के पिता को किसी काम के लिए बाहर जाना पड़ा। सिंड्रेला के पिता के बाद सौतेली मां ने सिंड्रेला के साथ बुरा बर्ताव करना शुरू कर दिया।

सबसे पहले तो उसने सिंड्रेला की खूबसूरत वस्त्र को उतरवा लिया और उसे नौकरानियों वाले कपड़े पहनवा दिए। इसके बाद उन तीनों ने सिंड्रेला के साथ नौकरानी जैसा व्यवहार करना शुरू कर दिया।

वो उससे खाना बनवाती, घर की सफाई करवाती, कपड़े और बर्तन धुलवाती और घर के बाकी सारे काम करवाती। यहां तक कि उन तीनों ने सिंड्रेला का कमरा भी उससे छीन लिया और उसे स्टोर रूम में रहने के लिए मजबूर कर दिया।

बेचारी सिंड्रेला के पास उनकी बात मानने के अलावा कोई चारा नहीं था। आसपास के पेड़ों पर रहने वाले पक्षी और स्टोर रूम के चूहों के अलावा सिंड्रेला का और कोई दोस्त नहीं था। वह दिनभर काम करती और रात में अपने दोस्तों से बात करते-करते सो जाया करती थी।

जिस देश में सिंड्रेला रहती थी, एक दिन वहां के राजा के सिपाहियों ने बाजार में घोषणा करवाया कि राजकुमार की शादी के लिए राजा ने महल में एक समारोह का आयोजन करवाया है। इस समारोह के लिए उन्होंने नगर की विवाह योग्य सभी लड़कियों को आमंत्रित किया है। सिंड्रेला की बहनों ने जैसे ही यह घोषणा सुनी, वे दोनों दौड़ती हुई अपनी मां के पास पहुंचकर उन्हें सारी बात बताई।

उनकी मां ने कहा कि इस समारोह में सबसे सुंदर तुम दोनों ही लगोगी। राजकुमार का विवाह तुम दोनों में से किसी एक के अलावा किसी और के साथ नहीं होगा।

Diese Geschichte stammt aus der Naye Pallav 17-Ausgabe von Naye Pallav.

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