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दवा ही बनी मर्ज
इलाज की दवाओं के नशे के लिए इस्तेमाल में हुई बढोतरी, इस ओर ध्यान देना सबसे जरूरी
'क्वीन' राजनीति
भाजपा से जुड़ाव और 'हिमाचल की बेटी' की अपनी नई पहचान के साथ क्या कंगना राजनीति में उतरने की तैयारी में? क्या यह सब तैयार पटकथा जैसा है?
प्रतिबंध पर हावी बाजार
सरकार ने पबजी मोबाइल पर रोक लगाई तो कोरियाई मातृ कंपनी ने चाइनीज कंपनी को बिजनेस से किया अलग
1962 जैसी जंग के आसार ?
चीन का अति महत्वाकांक्षी नेतृत्व सीमा पर जिस तरह की परिस्थितियां पैदा कर रहा है, उसे देखते हुए क्या युद्ध की आशंका है?
गर्त में रोशनी की खोज
अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा संकट में, एकमात्र सहारा सरकार का खर्च बजट लक्ष्य से भी पीछे
फर्जी एवरेस्ट फतह
नाम और पैसा कमाने के लोभ में एवरेस्ट पर चढ़ाई का झूठा दावा करने वालों की तादाद बढ़ी
बड़े बेनजर छोटे पर फंदा
नशे का गोरखधंधा देश में तकरीबन 10 लाख करोड़ रुपये का होने का अनुमान मगर सरकारी एजेंसियों को प्रतिबंधित मादक पदार्थों के धंधेबाजों और गिरोहों के पीछे नहीं, छोटी मछलियों पर फंदा डालने में दिलचस्पी
रुपहले परदे का स्याह सच
सुशांत मामले में हालिया खुलासे ने बॉलीवुड के लिए भानुमती का पिटारा खोल दिया
हर कोई खेले दलित दांव
सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन ही नहीं, बाहरी दलित पार्टियों की बिहार में दिलचस्पी से दलितों पर फोकस बढ़ा
खामोश! मीडिया चालू आहे...
फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह की रहस्यमय मौत की रिपोर्टिंग में टीवी चैनल जूरी, जासूस, जांचकर्ता, इंसाफ देने वाला और जल्लाद सब एक साथ बन बैठे तो पत्रकारिता मानो हांफने लगी
"एक-दो न्यूज चैनलों से पूरा टीवी मीडिया शर्मसार"
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद जिस तरह टेलीविजन चैनलों पर इसकी रिपोर्टिंग हो रही है, उससे तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। टीआरपी के नाम पर न्यूज चैनल क्या अपनी हदें पार कर रहे हैं, और वे अपनी जिम्मेदारी भूल गए हैं ? क्या अब समय आ गया है कि न्यूज चैनलों को आईना दिखाया जाए? क्या न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के अधिकार बढ़ाए जाने चाहिए? इन सब मुद्दों पर एनबीए के प्रेसिडेंट रजत शर्मा ने प्रशांत श्रीवास्तव के सवालों के जवाव दिए। प्रमुख अंशः
आत्मनिर्भर भारत
ऐसे समय में जब कोविद-19 के दुष्प्रभाव ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है और शीर्ष देश अपनी-अपनी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बूस्टर पैकेज लेकर आये हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न सिर्फ 20 लारव करोड़ का पैकेज -भारत की सकल घरेलु उत्पाद का दस प्रतिशतदेश की अर्थव्यवस्था की सुरक्षा और मजबूती के लिए घोषणा की बल्कि आत्मनिर्भर भारत का आह्वान भी किया। भारत वसुधैव कुटुंबकम के सार में आस्था रखता है लेकिन आत्म-निर्भरता के प्रति इसका दृष्टिकोण मानव-केंद्रित है। भारत सदैव वैश्विक व्यवथा का अभिन्न अंग है और प्रधानमंत्री की घोषणा से इसकी गूंज आती है।
चिट्टी वाले नहीं दांव पर पार्टी
संगठन में सुधार के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं पर गांधी परिवार की भौंहें तनी मगर कांग्रेस में जान फूंकने की चुनौती भारी
मनभावन मोर बढ़े मगर..
दो दशकों में देश में मोरों की संख्या बढ़ी, लेकिन इनसे फसलों को काफी नुकसान
सुलह दिल से या..
कांग्रेस नेतृत्व ने फिलहाल राजस्थान को मध्य प्रदेश बनने से बचाया, लेकिन चुनौती बाकी
अब काशी-मथुरा की बारी?
पूजास्थल एक्ट 1991 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने से मुसलमानों में बढ़ा डर
"टेक्नोलॉजी ने गांव-शहर की खाई पाट दी"
चार अगस्त की सुबह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा-2019, के नतीजे का दिन आया, तो प्रदीप सिंह मलिक के पिता सुखबीर सिंह मलिक हर रोज की तरह खेत में थे। प्रदीप ने उन्हें फोन कर नतीजे के बारे में बताया तो पिता का पहला सवाल था,"आइएएस बन गया? पहले सौ में नंबर आया?"
धोनी जैसा 'कूल' और जानदार दूसरा कहां
कई बार रणनीति पर चर्चा से मुझे उनके तेज क्रिकेटिंग दिमाग और दबाव झेलने की क्षमता का पता चला
गांव से आए साहब
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में बढ़ रहा ग्रामीण परिवेश से आए लोगों का दबदबा
फटाफट लोन बड़ी कमाई
फिनटेक कंपनियों ने टेलीकॉम और एफएमसीजी सेक्टर की तरह लोन का भी सैशे और छोटा रिचार्ज मॉडल बाजार में उतारा
बड़े शायर का विदा होना
राहत साहब से मेरा करीब 20 साल का करीबी संबंध रहा है। हमने साथ में कई मुशायरे भी पढ़े। इसमें कोई दो राय नहीं कि राहत साहब बड़े शायर थे।
सपनों के दायरे पहुंचे दूर-दराज
छोटे शहरों, कस्बों से सफल उम्मीदवारों की संख्या तेजी से बढ़ी, और आपदा ने संकट बढ़ाया तो तकनीक ने उगाए नए पंख
पैकेज बिना सब सूना
मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार दूसरा राहत पैकेज कोरोना का वैक्सीन आने के बाद, लेकिन पैकेज को अनिश्चितता से जोड़ना कितना उचित
सरकारी दखल पर कई बवाल
चारधाम समेत 51 मंदिरों पर नियंत्रण के लिए बोर्ड बनाने का विरोध, इसे धामों की गुल्लक पर कब्जे का प्रयास बताया, भाजपा में ही असंतोष
नई लीला के राम
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण से राजनीति और सामाजिक नैरेशन और ताने-बाने में कई बदलावों की संभावना, लेकिन कई सवाल भी
कोरोना काल में बाढ़ की डूब
बाढ़ प्रभावित 45 लाख लोगों के लिए सिर्फ 19 राहत शिविर, यहां दो गज की दूरी रखना मुमकिन नहीं
संकट कोरोना का, सुर्खियां चुनाव की
कोरोना संक्रमण पर जल्द ही काबू न किया गया तो लोगों के बढ़ते गुस्से का सत्तारूढ़ गठबंधन को उठाना पड़ सकता है खामियाजा
अब दारोमदार अमल पर
पहली और दूसरी शिक्षा नीति के अनेक प्रस्तावों पर अमल नहीं, इसलिए तीसरी नीति पर संशय
आत्मनिर्भरता अभी दूर
फिलहाल चीन पर निर्भरता कम करने के लिए उद्योगों का रुख ताइवान, वियतनाम और यूरोपीय देशों की ओर
"न सितारे गर्दिश में होंगे,न कंटेंट"
स्त्री-केंद्रित सिनेमा में विद्या बालन ने अपनी खास पहचान बनाई है। 2017 में उनकी हिट फिल्म द डर्टी पिक्चर के बाद उनके खाते में कई व्यावसायिक सफलताएं हैं। नो वन किल्ड जेसिका (2011), कहानी (2012) से लेकर तुम्हारी सुलु (2017) और मिशन मंगल (2019) तक उन्होंने कई चर्चित फिल्में की हैं। 41 वर्षीय बालन अब दुनिया भर में मानव कंप्यूटर नाम से चर्चित शकुंतला देवी (19292013) की बॉयोपिक में मुख्य किरदार निभा रही हैं। यह फिल्म 31 जुलाई को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होगी। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता इस अभिनेत्री ने गिरिधर झा से अपनी नई फिल्म, करिअर, बॉलीवुड में मेहनताने में महिला अभिनेत्रियों के साथ भेदभाव जैसे तमाम मुद्दों पर खुलकर बात की। कुछ अंश: