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कोरोना काल में हुए बेसहारा
तीन महीने बाद भी मुआवजा नहीं, दंगा पीड़ितों का दोहरा संकट
"हालात नोटबंदी काल के संकट से भी ज्यादा गंभीर"
करीब दो महीने के देशव्यापी लॉकडाउन ने करोड़ों लोगों का रोजगार छीन लिया है। अब जब लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से ढील दी जा रही है, तो लोग एक बार फिर उम्मीद लगाए बैठे हैं। लेकिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर लेबर में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा का मानना है कि हालात पूर्ववत होने में काफी समय लगेगा। वैसे तो हालात कोविड महामारी के आने से पहले ही अच्छे नहीं थे, पर यह भी सच है कि भारत में बेरोजगारी की समस्या दशकों पुरानी है। प्रो. मेहरोत्रा की संपादित किताब रिवाइविंग जॉब्स, 'एन एजेंडा फॉर ग्रोथ' हाल ही में प्रकाशित हुई है। रोजगार के समूचे परिदृश्य पर उनसे बात की आउटलुक के एस.के. सिंह ने। मुख्य अंश:
महामारी को मात
केंद्र के दिशानिर्देशों से बहुत पहले केरल ने अपनाया डब्ल्यूएचओ का ‘टेस्ट, आइसोलेट एंड ट्रेस' प्रोटोकॉल
"महामारी को सरकार ने महात्रासदी में बदला"
पहले चंद्रशेखर सरकार और फिर अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री और फिर विदेश मंत्री जैसा अहम जिम्मा संभाल चुके 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा 2014 के बाद से ही दलगत राजनीति से बाहर हैं लेकिन बतौर सार्वजनिक शख्सियत वे आज भी सक्रिय हैं। हाल में लॉकडाउन के दौरान गरीब और प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के खिलाफ उन्होंने राजघाट पर लगभग 11 घंटे का धरना और गिरफ्तारी दी। उनकी मांग है कि मजदूरों को उनके घर ससम्मान पहुंचाने के लिए सेना की मदद ली जाए। इस त्रासद दौर की घटनाओं, सरकारी कदमों, राहत पैकेज जैसे तमाम मुद्दों पर उनसे हरिमोहन मिश्र ने बातचीत की। प्रमुख अंशः
बेमौत मरने की त्रासदी
भूख, भय, लाचारी से प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक स्थिति, कुछ की मौत जैसे दृश्य की मिसाल ढूंढ़ना मुश्किल
“पढ़ाई पटरी पर लाने के दिशानिर्देश जल्द
अचानक आई कोविड महामारी ने स्कूल-कॉलेज से लेकर सरकार तक, किसी को संभलने का मौका नहीं दिया। जिस समय संकट आया, उसी वक्त स्कूलों और कॉलेजों की परीक्षाओं के साथ उच्च शिक्षा संस्थानों की प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि छात्रों की पढ़ाई और साल बर्बाद न हो। छात्रों की परेशानियां दूर करने के लिए केंद्र सरकार क्या कदम उठा रही है, राज्यों के साथ उसका तालमेल अब तक कैसा रहा, इन सब विषयों पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से बात की संपादक हरवीर सिंह ने। मुख्य अंश:
लाचार मजदूरों पर हथौड़ा
उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश ने आर्थिक सुधार के नाम पर श्रम कानूनों को किया कमजोर, केंद्र सरकार की चुप्पी पर सवाल
पहली किस्त तो नाकाफी
प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ के पैकेज के ऐलान के बाद वित्त मंत्री के छह लाख करोड़ के पैकेज में मजदूर वर्ग को राहत नहीं
घाटी में आतंक का नया चेहरा
उत्तरी कश्मीर में भारी नुकसान के बाद सुरक्षा बलों को नायकू के मारे जाने से कामयाबी की उम्मीद, पर टीआरएफ की शक्ल में नई मुसीबत
कैसे शुरु हो पढ़ाई
महामारी और लॉकडाउन से बैठे शिक्षा हलके में असमंजस भारी, ई-लर्निंग पर कई तरह के सवाल
हालात सुधरना दूर की कौड़ी
जीडीपी में 40 फीसदी योगदान करने और 23 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाले कंस्ट्रक्शन, रिटेल, टेक्सटाइल, होटल सेक्टर ज्यादा प्रभावित
पैकेज देने में कोताही घातक
हर ओर यही मांग कि ठोस राहत पैकेज ही लॉकडाउन से ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सकता है
सराहे आगरा मॉडल ने ही खोली पोल
आगरा के मेयर की चिट्ठी और वायरल हुए वीडियो से आदित्यनाथ सरकार की कोशिशों पर फिरा पानी
राज्यों का संकट ज्यादा गहरा
राजस्व के स्रोत बंद होने से कहीं वेतन में देरी तो कहीं भत्तों पर रोक
कैसे रफ्तार पकड़े जिंदगी
ग्रामीण भारत में है 'इंडिया' की सेहत सुधारने का फॉर्मूला, फौरी राहत और कृषि को मजबूत करना होगा सार्थक विकल्प
सैंडर्स के पीछे हटने के मायने
डेमोक्रेटिक पार्टी के ओहदेदारों में बहुत कम सैंडर्स की वामपंथी राजनीति के प्रशंसक, मगर कोरोना के बाद के दौर में उनके विचार प्रासंगिक रहेंगे
कैसे चलेगा उद्योग का पहिया
क्लस्टर में करीब आधे प्रवासी श्रमिक, लॉकडाउन के बाद ज्यादातर लौट गए, उनके बिना काम शुरू करने में मुश्किलें
कोरोना के असली योद्धा लाचार
महामारी के दौर में देश के हर आदमी को भोजन जिन करोड़ों किसानों की बदौलत संभव हो रहा है, उनकी सुध लेने में सरकारी पहल बेहद नाकाफी
लॉकडाउन के सहारे लड़ाई जारी
केंद्र सरकार ने कुछ ढील के साथ लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है, प्रधानमंत्री मोदी के सामने अर्थव्यवस्था को बचाना अब बड़ी चुनौती
अपनों को भी कंधा देने से गुरेज
कोरोना संक्रमित लोगों की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार से इनकार कर रहे अपने रिश्तेदार, मित्र, पड़ोसी
12 करोड़ लोगों के रोजगार पर सीधी मार
कोविड-19 की वजह से बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने का खतरा, सरकार को त्वरित कदम उठाने की जरूरत
महामारी की तालाबंदी और बंटवारा
महामारी से निपटने के तरीकों से देश में गरीब-अमीर की खाई की हकीकत खुली, पुलिसिया राज बढ़ने के खतरे बढ़े और दुनिया बंटी
मंदी की तीखी ढलान
पूरे विश्व में आर्थिक गतिविधियां पूर्ण या आंशिक रूप से बंद, करोड़ों बेरोजगार, देश में हालात बुरे
तैयारी तो नाकाफी
देश में 15 मई तक संक्रमण बढ़ने का बड़ा खतरा, चुनौती से निपटने की सरकारी तैयारियों पर कई सवाल
घर और बाहर की चुनौती
चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान को अपनी पार्टी के नेताओं से भी जूझना पड़ेगा
"हम फिर बैठेंगे"
सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी हताश नहीं, उन्हें उम्मीद कि वे पूरी ताकत से दोबारा मोर्चा संभालेंगे
सिंधिया का दांव कमलनाथ का पेच
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा प्रवेश और उनके खेमे के 22 विधायकों की पाला बदल की कोशिश से कमलनाथ सरकार संकट में
शाहीन बाग का असर बदस्तूर
कश्मीर और एनपीआर पर सरकार के मुलायम रुख और केंद्र में सत्ता- संभाल के दूसरे तरीकों में दिखा विरोध प्रदर्शनों का भारी असर
लड़कियों ने भी दिखाया दम
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की लोकप्रियता दर्शाती है, प्रसिद्धि के मामले में वे पुरुष खिलाड़ियों के बराबर
लचर स्वास्थ्य सुविधाएं और आबादी बड़ी चुनौती
देश के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी यकीनन सरकार की है इसलिए कोरोना या दूसरी महामारी से बचाव के कदम उठाने की फौरन जरूरत है, लापरवाही और चूक घातक हो सकती है