Vanmali Katha Magazine - July 2023Add to Favorites

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यह हर समय का घिनौना सत्य है जिसे अर्जित करने और गले से लगाने में हम कभी नहीं
चूकते, लेकिन साहित्य वेफ सरोकार वुफछ और होते हैं। बकौल गालिब, ‘वुफछ तो कहिए कि लोग
कहते हैं वेफ आज गालिब गजल-सरा ना हुआ।’ इन तमाम कशमकशों और बदहवासियों वेफ बीच
‘वनमाली कथा’ अपने जखीरे में से बहुत वुफछ ऐसा ला पाती है जिसे वुफछ देर रुककर पढ़ा जा
सवेफ।
इस बार हमारे साथ वुफछ बेहतरीन कहानियाँ हैं जिनमें वरिष्ठ कथाकार राजवुफमार रावेफश की
वुफछ लम्बी-सी कहानी हैμ ‘विश्ववसु’, जो मन को आन्दोलित करती है और उसी वेफ साथ वरिष्ठ
कथाकार राजेन्द्र राजन की ‘नजरबन्द’ जिसका कथ्य मानसिक उलझनों में से निकलकर एक ठीक
समाधान तक पहुँचाने में मदद करता है। उसी तरह एक चाक-चौकस कहानी है यशस्वी लेऽक
चन्द्रकिशोर जायसवाल कीμ ‘सम्पन्न-विपन्न’।

Vanmali Katha Magazine Description:

EditorAISECT Publication

CategoríaFiction

IdiomaHindi

FrecuenciaMonthly

इतने कम समय में ‘वनमाली कथा’ को
लेखकों-पाठकों का जो स्नेह व सहयोग प्राप्त हुआ है, वह हमारे अनुमान व
अपेक्षा से कहीं अधिक है। इसवेफ लिए एक अदद धन्यवाद शब्द सर्वथा
अपर्याप्त है। आगे हमारा यही प्रयास रहेगा कि हम आपवेफ भरोसे को बनाये
रखते हुए अपने देशकाल का सृजनात्मक प्रतिनिधित्व करते रहें। नयी सदी की
नयी रचनाशीलता को प्रश्रय व प्रोत्साहन देना हमारा सर्वोपरि लक्ष्य है। हमारी
कोशिश रहेगी कि लोकतान्त्रिक मूल्यों की समावेशी पत्रिका वेफ रूप में हमारी
छवि पूर्ववत् प्रतिष्ठित रहे।
यह अंक अघोषित रूप से स्त्रा-रचनाशीलता पर वेफन्द्रित है। यह स्पष्ट कर
देना चाहिए कि स्त्रा-रचनाशीलता से हमारा आशय स्त्रा-विषयक रचनाशीलता
नहीं, यहाँ बस स्त्रा-लेखकों ;हालाँकि यह शब्द-युग्म अपनी संरचना में
निरर्थक है, इसवेफ प्रयोग को सहूलियत वेफ अर्थ में लिया जाएद्ध की रचनाओं
का सम्मिलन-भर है। हमारे समय में रचनाशील दस स्त्रा-लेखकों की
कहानियाँ और दस कवयित्रियों की कविताएँ इस अंक में दी जा रही हैं। हमें
प्रसन्नता है कि इस अंक वेफ लिए उषाकिरण खान, जया जादवानी, अल्पना
मिश्र, पंखुरी सिन्हा, विभा रानी, विनीता चौबे, ममता सिंह, इन्दिरा दाँगी और
वनमाली कथा उजला लोहिया ने अपनी कहानियाँ दीं। ‘कथाविश्व’ वेफ अन्तर्गत गत वर्ष
साहित्य वेफ क्षेत्रा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रेंफच लेखिका एनी ऐर्नो की
कहानी दी जा रही है। इस कहानी का अनुवाद किया है युवा कवि-कथाकार
निशान्त उपाध्याय ने।
‘दस कविताएँ’ स्तम्भ वेफ अन्तर्गत हर बार की तरह किसी एक कवि की दस
कविताओं को न लेकर कविता वेफ प्रदेश में सृजनरत दस युवा कवयित्रियों की

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