Jyotish Sagar - January 2020
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En este asunto
Jyotish Sagar’s Janury 2020 issue is special issue on Saturn’s Transit Position Changes on 24th January, 2020. Saturn will enter in Capricorn on 24th January 2020. Index of some articles of the issue is as follows :
• Shanidev came here from Lanka
• These are the signs of the wheels of Shri Krishna's chariot!
• When Shani Dev had to become a woman!
• The name of this fort is derived from Saturday!
• How will Saturn transit in Capricorn for you?
• How will Capricorn's Saturn be for you?
• Saturn's transit in Capricorn in terms of trade
• The cause of Mussolini's downfall was Saturn’s Sadhesati!
• An Opinion on the zodiac signs affected by Saturn’s Sadhesati and Dhaiya
• Shani Dhaiya and Sadhesati Preventive Package
• They also suffered from the aspect of Saturn ...
• When to wear Saturn's gems?
• When Lord Shiva and Shani Dev fought
• These are the main Shani Dhams
• Shani Shaman with the mantra etc.
• Shani and Mahakali
• Why do we offer oil to Saturn?
• The yoga of Guru-Shani is beneficial
• Know what the horoscope says about obtaining children after 11 years of marriage
• Ketu in Seventh house and its impact on life
• Specific yogas of Saturn
• Rahu and Ketu in the eighth house of Cancer Ascendant
• Special on Makar Sankranti: Sun, Culture and Sankranti
• Yoga and Spirituality: Know the ultimate truth through yoga practice.
• Raghavayadaviyam (Part-5)
• Subhash Chandra Bose special on Jayanti: freedom fighter Subhash Chandra Bose
• Preacher of Religion Swami Vivekananda
• Tantradarshan: Stavchintamani by Bhatt Narayan and concept of Kashmiri devotion
• Muhurtasagar
• Santagatha: Atibadi Jagannath Das ji
• Manaspeeth: Bharat Ji's Chitrakoot Visit
• Puranpurush: Ani Mandavya
• Pilgrimage: Mahabalipuram Temple, a masterpiece of sculpture
व्यापार - व्यवसाय की दृष्टि से शनि का मकर राशि में गोचर
जिनके कॅरिअर में अवसर मौजूद हों , वे ग्रहगोचर एवं दशाओं से अधिक प्रभावित होते हैं । इस सम्बन्ध में शनि का गोचर सर्वाधिक प्रमुख रूप से प्रभावित करता है ।
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ज्योतिष में शनि का दर्शन
ज्योतिष में शनि का दर्शन अद्भुत है । हो भी क्यों नहीं , आखिर दर्शन का कारक शनि ही है । फलित ज्योतिष में शनि को पाप , क्रूर , म्लेच्छ , काल , कष्ट देने वाला , काला जैसी नकारात्मक संज्ञाएँ प्रदान की गई हैं । साथ ही दण्डाधिकारी , मोक्षदायक , स्थायी सम्पत्तियों का स्वामी जैसी सकारात्मक संज्ञाएँ भी प्रदान की गई हैं । शनि क्रूर है , काला है और काल है , फिर भी वही मोक्ष प्रदान करने वाला है ।
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लंका से यहाँ आए थे शनिदेव !
त्रेतायुग में जब हनूमान् जी माता सीता की खोज में लंका गए हुए थे और उनकी पूँछ में राक्षस सैनिकों ने आग लगा दी थी , तो हनूमान् जी ने लंका को जलाने का प्रयास किया , परन्तु वे लंका को जलाने में असफल हो रहे थे ।
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शनिवार से है इस किले का नाम !
‘ शनिवारवाड़ा ' मराठा इतिहास में प्रमुख स्थान रखता है । यह एक किला है , जो पुणे में स्थित है और पेशवाओं के समय यहीं से मराठा साम्राज्य का संचालन होता था । इसका निर्माण पेशवा बाजीराव प्रथम ने अपने निवास एवं कार्यालय हेतु करवाया था ।
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कैसा रहेगा मकर का शनि आपके लिए ?
शनि वह ग्रह है , जो गोचर में सर्वाधिक रूप से प्रभावित करता है । अन्य ग्रहों का प्रभाव गोचर में इतना नहीं होता , जितना कि शनि का होता है । दशा की अपेक्षा गोचर में यह यदि अशुभ हो , तो तुलनात्मक रूप से अधिक अशुभ फलप्रदान करता है ।
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शनि साढ़ेसाती एवं ढैया से प्रभावित होने वाली राशियों पर विचार
24 जनवरी जनवरी, 2020 को को दण्डयनाक , कर्म स्वामी शनि अपनी स्वराशि मकर में प्रवेश करेंगे । धनु राशि छोड़कर , मकर राशि में शनि का प्रवेश हो जाने से शनिदेव विशेष बली भी हो जाएँगे , क्योंकि कालपुरुष की कुण्डली में शनि दशम भाव , मकर राशि के स्वामी हैं ।
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शनि दैया एवं साढ़ेसाती निवारक पैकेज
शनि के गोचरजन्य अशुभ प्रभावों में कमी हेतु
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जब भगवान् शिव और शनिदेव का युद्ध हुआ !
जब शनिदेव अपने गर्व और अहं के कारण शिवजी ज की बात मानने को तैयार नहीं हए, तो शिवजी को क्रोध आ गया ।
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ये हैं प्रमुख शनिधाम
शनि के राशि परिवर्तन करते ही सभी के मन में यह विचार आता है कि उनके दुष्प्रभावों में कमी के लिए ऐसा क्या करें , जिससे शनिदेव प्रसन्न हो सकें ? इस सम्बन्ध में हिन्द धर्म में देवता विशेष की प्रसन्नता हेतु तथा पाप एवं अन्य कष्टों के निवारण के लिए उनके तीर्थों , धामों इत्यादि की यात्रा करने का विधान बताया गया है ।
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राजयोगकारी है गुरु - शनि का योग
शनि का योग
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शनि और महाकाली
घोर अंधकार के समान श्यामवर्ण, भयानक रूप, पापियों के लिए विनाशकारी एवं मोक्ष देने वाले के रूप में हम किसे जानते हैं ? ग्रहों में शनि एवं देवी देवताओं में माँ शक्ति के रूप में महाकाली ।
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विवाह के 11 साल बाद संतान प्राप्ति को लेकर - जन्मपत्री क्या कहती हैं जानें
आजकल हमने देखा है कि कई दम्पती सन्तान प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं । सन्तान का न होना , वैवाहिक जीवन में अन्य समस्याओं का कारण बनता है । कई बार यह विवाह टूटने और अलगाव का मूल भी साबित होता है ।
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सूर्य ,संस्कृति और संक्राति
सम्पूर्ण संसार को अपने प्रचंड तेज एवं आलोक से परिपोषित तथा आलोकित करने वाले भगवान सूर्य का वैदिक देवताओं में विशेष स्थान है ।
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अतिवादी जगन्नाथदास जी
ओडीशा के वैष्णव सन्तों में । । अतिवादी जगन्नाथदास जी अग्रगण्य स्थान है । श्रीमद् भागवत महापुराण पर इनके द्वारा किया गया उडिया में अनुवाद ओडीशा के वैष्णव घर की शोभा बढ़ाता है । इस अनुवाद या टीका का अंग्रेजी , हिन्दी इत्यादि अनेक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है । जगन्नाथदास जी चैतन्य महाप्रभु के समकालीन थे । वे इन्हें ' अतिवादी ' कहा करते थे । इनके अनुयायियों को ' अतिवादी सम्प्रदाय ' के नाम से जाना जाता है ।
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परम सत्य को जानें योग साधना से
' योग ' शब्द संस्कृत की ' युज् ' धातु से बना है , जिसका अर्थ है जुड़ना । योगशास्त्रानुसार योग की परम अवस्था आत्मा और परमात्मा का मिलन है ।
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स्वतन्त्रता सेनानी- सुभाषचन्द्र बोस
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस , जिनकी न जीवनी आत्म उत्सर्ग की एक ऐसी कहानी है जो निर्जीव एवं हतोत्साहित व्यक्तियों के हृदयों में भी स्फूर्ति , आशा और प्राणों का संचार कर सकती है । देश की स्वाधीनता के संग्राम में अपने जीवन को समग्र न्यौछावर कर दिया ।
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कर्क लग्न के अष्टम भाव में स्थित राहु एवं केतु के फल
कैसे करें सटीक फलादेश ? ( भाग - 159 )
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मासिक राशिफल
शुभ समाचारों की प्राप्ति सम्भववर्ष का प्रथम माह आपके लिए विगत माह की तलना में बेहतर व्यतीत होना चाहिए ।
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Jyotish Sagar Magazine Description:
Editor: Jyotish Sagar Private Limited
Categoría: Religious & Spiritual
Idioma: Hindi
Frecuencia: Monthly
Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.
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