Uday India Hindi - June 27, 2021Add to Favorites

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June 27, 2021

लगे रहो दिग्गी राजा कांग्रेस-मुक्त भारत

कांग्रेस मुक्त भारत करने का भारतीय जनता पार्टी का मतलब शायद एक मुहावरा बना रहता। कांग्रेस भले सत्ता में ना रहती पर पार्टी का समाप्त होना संभव नहीं था। यह दिग्गी वायरसो के रूप बदल-बदल कर पार्टी पर कमजोर होते ही हमला करने लगता है इसलिए पार्टी से भारत मुक्त हो भी सकता है। क्योंकि दिग्गी को 370 को फिर लागू करने की बात कहना कांग्रेस पार्टी की गले की हड्डी बन गयी है। अगर पार्टी दिग्गी से कुछ पूछताछ करती है तो मुस्लिम नाराज और नहीं पूछती है तो हिंदू नाराज।

लगे रहो दिग्गी राजा कांग्रेस-मुक्त भारत

1 min

योगी को हटाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन

प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी में बनारस माडल की खूब चर्चा कि जिसमें ए. के.शर्मा की खूब सराहना हुई। उसके बाद ए.के. शर्मा को दिल्ली बुलाया गया। लोगों को पक्का हो गया कि शर्मा जी अब शपथ ले लेंगे। लेकिन गुरु वो मोदी है और ये यूपी है दोनो को आज तक कोई नही समझ पाया। दोनो शतरंज के वो घोड़े है जो ढाई नही साढ़े सात कदम चलते है। फिर योगी को लेकर बाजार गर्म हुआ, कि योगी हट रहे है। राज्यपाल से योगी का मिलना। लोगों ने सोचा अब तो योगी गए लेकिन योगी को हिंदुत्व बचा ले गया।

योगी को हटाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन

1 min

सेना के हाथ मजबूत करती शारंग तोपें

'शारंग पूर्ण रूप से आर्टिलरी गन है। यह देश की सबसे बड़ी स्वदेशी तोप है। 155 एम.एम. कैलिबर वाली इस गन को अपग्रेड कर इसकी मारक क्षमता को बढ़ाया गया है। मेक इन इंडिया के संकल्प को साकार करती हुई यह गन स्वदेशी में सबसे आधुनिक तकनीक से युक्त कही जा सकती है। यह भी कह सकते हैं कि इस तोप को 130 एमएम की एम-46 की तकनीक अपग्रेड करके बनाया जा सका है। अपग्रेड होने के बाद ये और भी खतरनाक हो गई है।

सेना के हाथ मजबूत करती शारंग तोपें

1 min

प्रवासी पक्षियों पर भरोसा खतरनाक

मुकुल रॉय की तृणमूल में वापसी के साथ ही राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ जारी हिंसा के बाद भाजपा और संघ विचार परिवार में कुछ सवाल और कुछ चिंताएं होना उठ खड़ी हुई हैं। विचार परिवार में यह सवाल उठने लगा है कि केंद्र में सत्ता होने के बावजूद अगर भारतीय जनता पार्टी अपने आफत में अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा नहीं हो पा रही तो ऐसे में भविष्य में उसके साथ कार्यकर्ता क्यों जुड़ना चाहेंगे।

प्रवासी पक्षियों पर भरोसा खतरनाक

1 min

लोकतंत्र को कमजोर करती अवसरवाद की राजनीति

भारत के राजनैतिक परिदृश्य में दल बदलने की घटनाएं कोई नई नहीं हैं। अपने राजनैतिक नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाना आम बात है। हां यह सही है कि कानून की नजर में यह अपराध नहीं है और ना ही ये नेता अपराधी, लेकिन नैतिकता की कसौटी पर यह जनता के ही अपराधी नहीं होते बल्कि लोकतंत्र की भी सबसे कमजोर कड़ी होते हैं।

लोकतंत्र को कमजोर करती अवसरवाद की राजनीति

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राजनीतिक विचारधारा और दल-बदल

राजनीति में शुरुआती दौर से ही विचारधारा का अकाल रहा है। बीते पांच सालों में 16 में से 10 सांसद दल बदलकर बीजेपी में शामिल हुए है। जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद ने भी साल 2000 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में सोनिया गांधी से बगावत की और उनके खिलाफ मैदान में उतरे। अब उनके बेटे ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद नितिन का कांग्रेस पार्टी से जाना यह बताता है कि कांग्रेस के भीतर सशक्त नेतृत्व और परिवारवाद को लेकर सवाल उठने लगे है।

राजनीतिक विचारधारा और दल-बदल

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मुकुल रॉय की घर वापसी

टीएमसी की प्रारम्भिक सफलता के पीछे निचित रूप से ममता के साथ मुकुल रॉय का हाथ है। कलकत्ता विश्वविद्यालय के विज्ञान के इस ग्रेजुएट और कामराज विधाविद्यालय के सार्वजनिक प्रशासन के इस पोस्ट ग्रेजुट ने पिछले तीन दशकों से जमकर राजनीति की है। उनकी राजनीति भले ही प्रयोजन व उत्पादकता की दृष्टि से बहुत सकारत्मक रही है, परंतु शुद्ध राजनीतिक दृष्टिकोण से वे अन्य चतुर और अवसरवादी राजनीतिज्ञों से अलग रहकर कोई नई राह पर चलते नजर नहीं आते।

मुकुल रॉय की घर वापसी

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दल-बदल का इतिहास

राज करने अथवा राज चलाने सम्बन्धी नीति को ही राजनीति कहा जाता है। लिहाजा स्पष्ट है कि राज करने या चलाने जैसी अति संवेदनशील एवं गम्भीर जिम्मेदारी को अंजाम देने के लिए इस पेशे में शामिल व्यक्ति को अत्याधिक योग्य, दक्ष, ईमानदार तथा कुशल नेतृत्व प्रदान कर पाने की क्षमता रखने वाला व्यक्ति होना चाहिए। अशोक सम्राट, चन्द्रगुप्त, चाणक्य जैसे राजनीति में सिद्ध पुरुषों से लेकर सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी तथा अटल बिहारी वाजपेयी सरीखे देश के सुप्रसिद्ध राजनैतिक महापडितों तक भारतीय राजनीति का इतिहास ऐसे तमाम राजनैतिक दिग्गजों के नामों से भरा पड़ा है जिन पर न सिर्फ भारत की जनता बल्कि स्वयं देश की राजनीतिक व्यवस्था भी गर्व करती है।

दल-बदल का इतिहास

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बंगाल की राजनीति में आया एक और उफान

बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेदु अधिकारी तमाम कागजी कार्रवाई कर रहे हैं। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा से मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने की अपनी मांग के समर्थन में कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। बंगाल चुनाव के परिणाम आने और प्रदेश में ममता बनर्जी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार टीएमसी की सरकार बनने के बाद मुकुल रॉय हाल ही में बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे।

बंगाल की राजनीति में आया एक और उफान

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आज के समय में योग साधनाओं का महत्व

योग साधना ही समाज को बेहतर व्यवस्था दे सकती है। इसका उदहारण हमारे सामने है की योगी आदित्यनाथ और नरेन्द्र मोदी ने कितने सुधार विरोधी शक्तियों के होते हुए सुधार किये। समाज को ऐसे ही योगियों की आवश्यकता है। अतः प्रभु राम लाल जी की दी हुई योग शास्त्र की विद्या ही असल में वो हथियार है, जो देश की विरोधी ताकतों का मुकाबला कर सकती है।

आज के समय में योग साधनाओं का महत्व

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