समाचारपत्र व पत्रिकाओं के नाम न काम, न धाम, न दाम
Sarita|February First 2020
जब समाचारपत्र या पत्रिका का नाम या शीर्षक ही हास्यपरिहास की फुलझड़ी को बिखेरेगा, तो उन में प्रकाशित खबरों, लेखों, कविताओं का स्तर क्या होगा, आप समझ सकते हैं.
रामकिशोर पंवार
समाचारपत्र व पत्रिकाओं के नाम न काम, न धाम, न दाम

हमारे देश के आरएनआई (भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक) से - पंजीकृत देश के विभिन्न कोनों (राज्य, जिला, तहसील, नगरीय, कसबा) से विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित होने वाले समाचारपत्रों एवं पत्रिकाओं के नाम 'शीर्षक' जो प्रथम चरण में टीसी होते हैं और बाद में रजिस्टर्ड हो जाते हैं, अजबगजब सुनने व पढ़ने को मिलते हैं.

Esta historia es de la edición February First 2020 de Sarita.

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