"अपना घटिया टीवी सीरियल बंद करो और चालू करो."
"तुम्हारे लिए कौन सी अच्छी खबर है?"
"न्यूज देखने से जरनल नौलेज बढ़ता है. यह तुम्हारे खाली दिमाग को ठीक करती है."
"मुझे मत सिखाओ, मुझे दीदी कहो, उस के बाद सोचूंगी."
"मुझे रिमोट दो वरना मैं मम्मी को फोन कर दूंगा, मम्मी..."
"उह, ठीक है, मैं इसे बदल दूंगी," रीति ने अपने टीवी सीरियल के बजाय न्यूज लगा दी.
"ये थी आज की प्रमुख सुर्खियां अब चलते हैं कल के मौसम की तरफ. जैसा कि आप देख सकते हैं। रायपुर और आसपास के इलाकों को घने बादलों ने घेर रखा है. कई जगह मूसलाधार बारिश होने की संभावना है."
"अब हो गया. अब तुम अपना रद्दी सीरियल देख सकती हो. मां, कल सुबह मुझे मत जगाना और दोपहर का खाना भी मत बनाना. कल छुट्टी है," रितेश ने खुश होते हुए कहा.
"क्यों? किस खुशी में?" मां पूछा.
"उस का तो पता कल चलेगा, मां," रितेश बोला.
कड़कड़कड़....
तेज बादलों के बीच बिजली की गड़गड़ाहट हुई और रितेश मन ही मन मुसकराने लगा.
"ओह, मजा आएगा, कल स्कूल की एक दिन की छुट्टी होगी, वैसे भी कल शनिवार है और सभी टेस्ट अगले सप्ताह होंगे, मैं धीरेधीरे तैयारी कर लूंगा, अब मैं जरा आराम से सो जाऊं."
सुबह 7 बजे तक मूसलाधार बारिश हुई और गरज के साथ बिजली भी चमकी, लेकिन स्कूल जाने से ठीक आधे घंटे पहले बरसतेगरजते पानी की जगह खुले आसमान और चमचमाते सूरज ने ले ली.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.