यही वजह है कि दुलकर सलमान अब तक तकरीबन फिल्मों में ऐक्टिंग, 13 फिल्मों में गीत गाने के अलावा 4 फिल्में भी बना चुके हैं. उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में इरफान खान के साथ फिल्म 'कारवां' से कदम रखा था.
सितंबर महीने में आई आर. बाल्की की फिल्म 'चुप : रिवेंज औफ द आर्टिस्ट' में भी दुलकर सलमान के काम की काफी तारीफ हुई थी, जिस में सनी देओल भी थे. पेश हैं, दुलकर सलमान से हुई लंबी बातचीत के खास अंश :
आप की परवरिश फिल्मी माहौल में हुई थी. अगर आप को ऐक्टर ही बनना था, तो फिर एमबीए की पढ़ाई कर दुबई में नौकरी करने के पीछे कोई खास सोच थी?
यह सच है कि मैं ने पहले ऐक्टिंग को अपना कैरियर बनाने के बारे में नहीं सोचा था. इस के पीछे मूल वजह यह थी कि मेरे पिता मलयालम सिनेमा के महान अभिनेता हैं. मैं जानता था कि मेरे अभिनेता बनने पर लोग मेरी तुलना उन से करेंगे, जो मैं नहीं चाहता था.
दूसरी बात यह कि उन दिनों मलयालम सिनेमा में दूसरी पीढ़ी का कोई भी कलाकार नहीं था, इसलिए मेरे मन में विचार आया था कि लोग मुझे अभिनेता के तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे.
इस के अलावा उन दिनों मेरे सभी सहपाठी और दोस्त बिजनैस फैमिली से थे. वे सभी एमबीए की पढ़ाई करने गए, तो मैं भी चला गया. फिर नौकरी भी की, मगर नौकरी करते समय मुझे अहसास हुआ कि इस में कुछ भी क्रिएटिविटी नहीं है, तो मैं अपने दोस्तों के साथ समय मिलने पर लघु फिल्में बनाने लगा. फिर एक दिन फैसला लिया कि अब मुझे ऐक्टिंग करनी है और उस के बाद नौकरी छोड़ कर मैं भारत वापस आ गया.
आप गायक भी हैं, आप ने संगीत कहां से सीखा?
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