सुमि की सभी सहेलियों नए साल के आगमन से अति उत्साहित थीं, मगर सुमि को समझ नहीं आ रहा था कि इसमें इतनी उत्साहित होने की क्या बात थी। जो हर साल होता है, वही तो इस बार भी होगा। फिर क्यों इतना हल्ला मचाया जा रहा है इस विषय को लेकर। ये सब सोचतेसोचते वह ख्यालों में गुम हो गई कि इस नए वर्ष में हमारी जिंदगी कितनी नई होगी?
सबसे पहले विचार सुमि के मन में आया कि हम सभी को जिंदगी की अहमियत समझनी चाहिए। हम सभी अपना जीवन जी रहे हैं, मगर क्या हम ईश्वर की दी हुई इस खूबसूरत जिंदगी की कीमत करते हैं? ईश्वर के कीमती तोहफे को कहीं हम टेकन फॉर ग्रांटेड तो नहीं लेते? क्या कभी दो मिनट भी हम इस बात पर विचार करते हैं कि हम जिंदा हैं, तभी उससे जुड़ी हर बात का आनंद ले पा रहे हैं? अगर हम इस अनमोल जीवन का मोल समझते हैं तो फिर हमें इस नव वर्ष पर जैसे हम किसी काम को किसी भी हाल में करने का दृढ़ संकल्प लेते हैं, ठीक उसी तरह हमको अपनी जिंदगी संवारने के लिए भी कुछ संकल्प लेने होंगे।
सबसे पहले तो हमें मान लेना चाहिए कि कुछ भी बिना मेहनत किए नहीं मिलता। इस तरह अगर हम चाहते हैं कि हमारे जीवन में इस नए साल में बीते हुए साल से कुछ अलग और बेहतर हो तो इसके लिए हमें पूरे मनोयोग से प्रयास करना होगा। अगर हम लंबे समय से कोई सपना देख रहे हैं तो हम इस दिशाहीन सपने को एक नई मंजिल देने का काम करें, जिससे कि इस साल जीवन में नयापन आ सके।
अगर हम अपनी जिंदगी को नई दिशा देना चाहते हैं तो हमें अपनी सेहत का ख्याल रखने का संकल्प लेना होगा। सबसे पहले तो यह विचार करें कि हमने बीते वर्ष में अपने शरीर के साथ क्या-क्या ज्यादतियां कीं और उसके साथ क्या-क्या अन्याय किया। अगर हमें यह समझ आ गया तो हम अपनी सेहत को सुधार लेंगे। अगर हमारी दिनचर्या सही नहीं है तो उसे इस साल सही कीजिए। समय पर सोएं, समय पर जागें। नियमित व्यायाम करें। व्यायाम दिनचर्या का सबसे अहम हिस्सा होना चाहिए। अगर कोई भी अंग तकलीफ में है तो उसे नजरअंदाज न करें। चिकित्सक के पास जाकर उसका इलाज कराएं। जैसे अगर आंखें थकी-थकी रहती हैं या कमर अथवा पैर में दर्द है तो इन तकलीफों के साथ जिंदगी को घसीटिए मत। अंगों को दुरुस्त करने का प्रयास कीजिए, क्योंकि अगर स्वास्थ्य बेहतर नहीं होगा तो जिंदगी भी कष्टों से भर जाएगी।
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