गेंदा की खेती खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसमों में की जाती है. पूर्वांचल में गेंदा की खेती की काफी संभावनाएं हैं. बस, यह ध्यान रखना है कि कब कौन सा त्योहार है, शादी के लग्न कब हैं, धार्मिक आयोजन कबकब हैं, इस को ध्यान में रख कर खेती की जाए, तो ज्यादा लाभदायक होगा.
मिट्टी एवं खेत की तैयारी
गेंदा की खेती के लिए दोमट, मटियार दोमट एवं बलुआर दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है. भूमि को समतल करने के बाद एक बार मिट्टी पलटने वाले हल से और 2-3 बार देशी हल या कल्टीवेटर से जुताई कर के एवं पाटा चला कर मिट्टी को भुरभुरा बनाने और कंकड़पत्थर आदि को चुन कर बाहर निकाल दें और सुविधानुसार उचित आकार की क्यारियां बना दें.
बीज, नर्सरी व प्रसारण
गेंदा का प्रसारण बीज एवं कटिंग दोनों विधि से होता है. इस के लिए 100 ग्राम बीज प्रति बीघा (2500 वर्गमीटर/एक हेक्टेयर का चौथाई भाग) में जरूरत होती है, जो तकरीबन 100 वर्गमीटर के बीज शैया में तैयार किया जाता है. बीज शैया में बीज की गहराई एक सैंटीमीटर से अधिक नहीं होना चाहिए.
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
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खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
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अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
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