किसानों के खातों से जो हफ्तावसूली हुई है, वह इस की 30 फीसदी है मतलब 19,000 करोड़ रुपए से ज्यादा. कुलमिला कर 77,000 करोड़ रुपए बीमा कंपनियों को दे दिए गए. बीमा कंपनियों से फसल क्षति होने वाले कुल किसानों में से 20 फीसदी किसानों को मुआवजा मिला था.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ साल 2017-18 की रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे साल भी बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को लूटने का काम जारी रहा.
देश के 3.74 करोड़ किसानों से 3,027 करोड़ रुपए बीमा हफ्ता वसूली, केंद्र सरकार द्वारा 9,000 करोड़ रुपए और राज्य सरकार द्वारा 9,000 करोड़ रुपए मिला कर कुल 21,027 करोड़ रुपए फसल बीमा कंपनियों को प्राप्त हुए. कंपनियों के द्वारा 8,724 करोड़ रुपयों के दावे अनुमोदित किए गए, लेकिन केवल 4,276 करोड़ रुपए ही किसानों को भुगतान किए गए.
साल 2018-19 चुनावी वर्ष था. किसानों ने इस दौरान हंगामा मचाया, तो कुल प्रीमियम 29,693 करोड़ रुपए के मुकाबले कंपनियों ने 28,464 करोड़ रुपए का किसानों को क्लेम जारी कर दिया था. फिर वही लूट शुरू.
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
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