गरमी के मौसम के बाद बारिश का मौसम आएगा. बारिश की फुहारें तन और मन को तरोताजा कर देती हैं. मनुष्य के साथसाथ पशुपक्षी भी नाच उठते हैं. प्रकृति खिल उठती है. हर तरफ हरियाली की चादर बिछ जाती है. यह तो तसवीर का उजला पक्ष है. अगर इस के दूसरे पक्ष को देखें, तो जगहजगह कीचड़ और गंदगी, मच्छरमक्खियों की भरमार, मौसमी बीमारियों का प्रकोप, जहरीले जीवजंतु पनपने लगते हैं. ऐसे में जहां मनुष्य ही अनेक बीमारियों का शिकार हो जाता है, वहीं बेजबान पशुओं की तो बिसात ही क्या.
बरसात के दिनों में गरमी तो रहती ही है, साथ ही उमस भी हो जाती है या वातावरण की नमी कोढ़ में खाज का काम करती है. इस मौसम में बैक्टीरिया बहुत जल्दी पनपते हैं. साथ ही, मच्छरमक्खी और पिस्सू का ब्रीडिंग सीजन भी यही होता है, इसलिए उन की तादाद भी बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
आइए जानते हैं, बरसात के दिनों में पशुओं की खास देखभाल के कुछ आसान से उपाय:
आवास प्रबंधन
• सब से पहले तो पशु के ठहरने की जगह को ठीक करना होगा यानी आवास प्रबंधन में थोड़ा सा बदलाव करना होगा, जैसे पशुशाला की जमीन बाकी जमीन से थोड़ी ऊंची रखनी चाहिए, ताकि उस में पानी न भरे.
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बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?
मक्का की नई हाईब्रिड किस्म एचक्यूपीएम-28
हरियाणा के चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, करनाल ने चारे के लिए अधिक पैदावार देने वाली उच्च गुणवत्तायुक्त प्रोटीन मक्का (एचक्यूपीएम) की संकर किस्म एचक्यूपीएम 28 विकसित की है.
लाख का बढ़ेगा उत्पादन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत में लाख का उत्पादन मुख्य रूप से आदिवासी समुदाय द्वारा किया जाता है.
धान की कटाई से भंडारण तक की तकनीकी
धान उत्पादन की दृष्टि से भारत दुनिया में सब से बड़े देशों में गिना जाता है.