धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उन का प्रबंधन
Farm and Food|September First 2023
धान एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, जो पूरे विश्व की आधी से ज्यादा आबादी को भोजन प्रदान करती है. चावल के उत्पादन में सर्वप्रथम चीन के बाद भारत दूसरे नंबर पर आता है. भारत में धान की खेती लगभग 450 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है. छोटी होती जोत एवं कृषि श्रमिक न मिल पाने के चलते और जैविक, अजैविक कारकों की वजह से धान की उत्पादकता में लगातार कमी आ रही है.
नेम कुमार
धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग और उन का प्रबंधन

इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए धान की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग, पहचान और उन के प्रबंधन के बारे में बता रहे हैं, जिस से कि किसान धान की फसल में उस रोग की समय से पहचान कर फसल का बचाव कर सकें.

झोंका रोग

यह धान की फसल का मुख्य रोग है, जो एक पाइरीकुलेरिया ओराइजी नामक फफूंद से फैलता है. इस रोग के लक्षण पौधे के सभी वायवीय भागों पर दिखाई देते हैं, परंतु सामान्य रूप से पत्तियां और पुष्प गुच्छ की ग्रीवा इस रोग से अधिक प्रभावित होती हैं. प्रारंभिक लक्षण में पौधे की निचली पत्तियों पर धब्बे दिखाई देते हैं. जब ये धब्बे बड़े हो जाते हैं, तो ये धब्बे नाव अथवा आंख की आकृति के जैसे हो जाते हैं. इन धब्बों के किनारे भूरे रंग के और मध्य वाला भाग राख जैसे रंग का होता है, बाद में धब्बे आपस में मिल कर पौधे के सभी हरे भागों को ढक लेते हैं, जिस से फसल जली हुई सी प्रतीत होती है.

रोग प्रबंधन

• रोगरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए.

• बीज का चयन रोगरहित फसल से करना चाहिए.

• बीज को सदैव ट्राईकोडर्मा से उपचारित कर के ही बोना चाहिए.

• फसल की कटाई के बाद खेत में रोगी पौध अवशेषों एवं ठूठों इत्यादि को एकत्र कर के नष्ट कर देना चाहिए.

• फसल में रोग नियंत्रण के लिए बायोवेल का जैविक कवकनाशी बायोट्र्पर की 500 मिलीलिटर मात्रा का प्रति एकड़ में 120 से 150 लिटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करना चाहिए.

जीवाणु झुलसा या झुलसा रोग

यह रोग जेंथोमोनास ओराईजी नामक जीवाणु से फैलता है. इसे साल 1908 में जापान में सब से पहले देखा गया था.

रोग की पहचान

पौधों की चोटी अवस्था से ले कर परिपक्व अवस्था तक यह रोग कभी भी लग सकता है. इस रोग में पत्तियां नोंक अथवा किनारों से शुरू हो कर मध्य भाग तक सूखने लगती हैं. सूखे हुए किनारे अनियमित एवं टेढ़ेमेढ़े या झुलसे हुए दिखाई देते हैं. इन सूखे हुए पीले पत्तों के साथसाथ चकत्ते भी दिखाई देते हैं. संक्रमण की उग्र अवस्था में पत्ती सूख जाती है. बालियों में दाने नहीं पड़ते हैं.

रोग प्रबंधन

• शुद्ध एवं स्वस्थ बीजों का ही प्रयोग करें.

Esta historia es de la edición September First 2023 de Farm and Food.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

Esta historia es de la edición September First 2023 de Farm and Food.

Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.

MÁS HISTORIAS DE FARM AND FOODVer todo
फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट
Farm and Food

फार्म एन फूड की ओर से सम्मान पाने वाले किसानों को फ्रेम कराने लायक यादगार भेंट

उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड

time-read
2 minutos  |
November 2024
'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित
Farm and Food

'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' के अधिकारी हुए सम्मानित

भारत में काम करने वाली संस्था 'चाइल्ड हैल्प फाउंडेशन' से जुड़े 3 अधिकारियों संस्थापक ट्रस्टी सुनील वर्गीस, संस्थापक ट्रस्टी राजेंद्र पाठक और प्रोजैक्ट हैड सुनील पांडेय को गरीबी उन्मूलन और जीरो हंगर पर काम करने के लिए 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से नवाजा गया.

time-read
1 min  |
November 2024
लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान
Farm and Food

लखनऊ में हुआ उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के किसानों का सम्मान

पहली बार बड़े लैवल पर 'फार्म एन फूड' पत्रिका द्वारा राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' का आयोजन लखनऊ की संगीत नाटक अकादमी में 17 अक्तूबर, 2024 को किया गया, जिस में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आए तकरीबन 200 किसान शामिल हुए और खेती में नवाचार और तकनीकी के जरीए बदलाव लाने वाले तकरीबन 40 किसानों को राज्य स्तरीय 'फार्म एन फूड कृषि सम्मान अवार्ड' से सम्मानित किया गया.

time-read
8 minutos  |
November 2024
बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार
Farm and Food

बढ़ेगी मूंगफली की पैदावार

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने 7 अक्तूबर, 2024 को मूंगफली पर अनुसंधान एवं विकास को उत्कृष्टता प्रदान करने और किसानों की आय में वृद्धि करने हेतु मूंगफली अनुसंधान निदेशालय, जूनागढ़ के साथ समझौतापत्र पर हस्ताक्षर किए.

time-read
1 min  |
October 2024
खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम
Farm and Food

खाद्य तेल के दामों पर लगाम, एमआरपी से अधिक न हों दाम

केंद्र सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) के सचिव ने मूल्य निर्धारण रणनीति पर चर्चा करने के लिए पिछले दिनों भारतीय सौल्वेंट ऐक्सट्रैक्शन एसोसिएशन (एसईएआई), भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) और सोयाबीन तेल उत्पादक संघ (सोपा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की.

time-read
1 min  |
October 2024
अक्तूबर महीने में खेती के खास काम
Farm and Food

अक्तूबर महीने में खेती के खास काम

यह महीना खेतीबारी के नजरिए य से बहुत खास होता है इस महीने में जहां खरीफ की अधिकांश फसलों की कटाई और मड़ाई का काम जोरशोर से किया जाता है, वहीं रबी के सीजन में ली जाने वाली फसलों की रोपाई और बोआई का काम भी तेजी पर होता है.

time-read
10 minutos  |
October 2024
किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया
Farm and Food

किसान ने 50 मीट्रिक टन क्षमता का प्याज भंडारगृह बनाया

रकार की मंशा है कि खेती लाभ का धंधा बने. इस के लिए शासन द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.

time-read
1 min  |
October 2024
खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल
Farm and Food

खेती के साथ गौपालन : आत्मनिर्भर बने किसान निर्मल

आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना का लाभ ले कर उन्नत नस्ल का गौपालन कर किसान एवं पशुपालक निर्मल कुमार पाटीदार एक समृद्ध पशुपालक बन गए हैं.

time-read
1 min  |
October 2024
जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत
Farm and Food

जीआई पंजीकरण से बढ़ाएं कृषि उत्पादों की अहमियत

हमारे देश में कृषि से जुड़ी फल, फूल और अनाज की ऐसी कई किस्में हैं, जो केवल क्षेत्र विशेष में ही उगाई जाती हैं. अगर इन किस्मों को उक्त क्षेत्र से इतर हट कर उगाने की कोशिश भी की गई, तो उन में वह क्वालिटी नहीं आ पाती है, जो उस क्षेत्र विशेष \" में उगाए जाने पर पाई जाती है.

time-read
7 minutos  |
October 2024
पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी
Farm and Food

पराली प्रबंधन पर्यावरण के लिए जरूरी

मौजूदा दौर में पराली प्रबंधन का मुद्दा खास है. पूरे देश में प्रदूषण का जहर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है और प्रदूषण का दायरा बढ़ाने में पराली का सब से ज्यादा जिम्मा रहता है. सवाल उठता है कि पराली के जंजाल से कैसे निबटा जाए ?

time-read
4 minutos  |
October 2024