ऐसी ही एक सब्जी का नाम है, ब्रुसेल्स स्प्राउट, जो पत्तागोभी के नाम से मिलती है. इसे बेबी पत्तागोभी के नाम से भी जाना जाता है. इस के के एक पौधे में तनों पर पत्तागोभी की तरह ही 50 से 100 ग्राम के वजन की पत्तियों की गांठें बनती हैं, जिसे सब्जी के लिए प्रयोग किया जाता है.
ब्रुसेल्स स्प्राउट को सलाद में भी प्रयोग किया जाता है. ब्रुसेल्स स्प्राउट की सब्जी में सेहत के लिए खास माने जाने वाले प्रोटीन, विटामिन ए, सी, कैल्शियम, आयरन फास्फोरस, खनिज लवण व कार्बोहाइड्रेट्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
ब्रुसेल्स स्प्राउट को सेहत के नजरिए से अगर देखा जाए, तो खाने में इसे शामिल करने से वजन को कम किया जा सकता है. यह टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर, आंखों की रोशनी, पाचन में और हड्डियों को मजबूत करने में भी मदद करता है.
ब्रुसेल्स स्प्राउट की खेती
भारत में इस की खेती हिमाचल प्रदेश सहित उत्तरी भारत के मैदानी व पहाड़ी क्षेत्र में की जाती है. अभी देश में व्यापक लैवल पर इस की खेती नहीं शुरू की जा सकी है. अगर किसान इस की खेती करते हैं, तो अपनी माली हालत को आसानी से सुधार सकते हैं.
मिट्टी और खेत की तैयारी
ब्रुसेल्स स्प्राउट की खेती भारत के किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है. इस की खेती के लिए सब से अच्छी हलकी दोमट मिट्टी होती है. इस के अलावा बलुई दोमट और हलकी चिकनी मिट्टी में भी इस की खेती की जा सकती है. कार्बांशयुक्त जल निकास वाली हलकी दोमट मिट्टी से ब्रुसेल्स स्प्राउट की अच्छी उपज मिलती है.
ब्रुसेल्स स्प्राउट की खेत की तैयारी हम उसी तरह से करते हैं, जैसे गोभी की वैराइटियों के लिए खेत की तैयारी करते हैं. सब से पहले हमें खेत 2-3 जुताई कल्टीवेटर या रोटावेटर कर मिट्टी को भुरभुरा बना कर पाटा लगा देना चाहिए. इस से खेत में नमी बनी रहती है.
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