क्या है बांझपन की असल वजहें
Sadhana Path|July 2024
शादी के बाद तुरंत बेबी प्लानिंग ज़्यादातर दंपति करना चाहते हैं, लेकिन अपने कामकाज के टाइट शेड्यूल के चलते एक-दूसरे को बहुत कम वक्त दे पाते हैं, जो गर्भधारण के रास्ते में बड़ी बाधा है -
विजया मिश्रा
क्या है बांझपन की असल वजहें

माता-पिता बनना स्त्री और पुरुष दोनों के लिए वयस्क जीवन में आने वाले प्रमुख बदलावों में से एक है। आज की तेज़ी से भागती जिंदगी में बांझपन को समाज में एक सर्वोपरि समस्या माना जाता है और अनुमानित 10-12 प्रतिशत भारतीय जोड़े मां-बाप बनने की उम्र में इस समस्या का सामना कर रहे हैं।

भागदौड़ भरी जिंदगी

अध्ययनों से पता चला है कि देश में 27-30 मिलियन जोड़े स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालांकि बांझपन का कारण एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति हो सकती है, लेकिन प्रजनन विशेषज्ञों का मानना है कि बांझपन के शिकार जोड़ों की जीवनशैली में ही उनकी इस समस्या का कारण छिपा है।

कैसे प्रभावित होती है प्रजनन क्षमता

सच्चाई यह है कि मानव शरीर अत्यधिक तनाव के दौरान होने वाले गर्भधारण को रोकने में सक्षम है। लगातार बढ़ते तनाव के कारण शरीर में मौजूद हार्मोन्स के ज़रिये प्रजनन प्रणाली पर यही प्रभाव पड़ता है कि गर्भधारण के लिए यह स्थिति आदर्श नहीं है। एड्रेनालाइन हार्मोन प्रोजेस्टेरोन का उपयोग करने से महिलाओं को रोकता है, जो फर्टिलिटी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह पिट्यूटरी ग्रंथि से उच्च स्तर पर प्रोलैक्टिन छोड़ने का भी कारण बनता है, जिससे बांझपन की आशंका उत्पन्न होती है।

संतानविहीन दंपति अधिक तनावग्रस्त

अध्ययनों से यह साबित हो गया है कि संतानविहीन दंपति अधिक तनाव में रहते हैं। बांझपन के कारण वे भावनात्मक अशांति में डूब जाते हैं, जिससे उनके बीच तनाव बढ़ने लगता है। साथ ही उन्हें सामाजिक भेदभाव और पारिवारिक दबाव आदि का सामना भी करना पडता है। समझदारी की कमी के कारण बांझपन की उपचार संबंधी विधियों जैसे आईयूआईए आईवीएफ इत्यादि का भी पूरा फायदा नहीं मिल पाता है।

महिलाओं और पुरुषों में तनाव महिलाओं में उच्च तनाव

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