हम क्या महसूस करते हैं, क्या सोचते हैं और किसी स्थिति को कितना बेहतर तरीके से संभालते हैं, इन सब बातों का असर हमारे रिश्तों पर भी पड़ता है। यानी हमारी आदतें या विचार, हमारे रिश्तों को मजबूत या कमजोर बनाने में अहम भूमिका अदा करते हैं। उदाहरण के लिए अपनी भावनाएं खुलकर व्यक्त करना औ साथ ही अपनी कमियों को स्वीकारना, किसी भी रिश्ते को परिपक्व बनाता है। कहने का मतलब है कि जब हम स्वयं को एक बेहतर इंसान बनाने की दिशा में काम करने लगते हैं तो नतीजे बेहद सुखद होते हैं। हालांकि यह एक बहुत लंबी और धीमी प्रक्रिया है, पर एक बेहतर व्यक्तित्व और खूबसूरत रिश्तों के बीच समन्वय के लिए यह बेहद जरूरी है। दरअसल, अपने आपको स्वीकार्य बनाने के लिए किए गये प्रयास पहले हमारे अंदर बदलाव लाते हैं और फिर धीरे-धीरे उसका असर दूसरे लोगों के साथ हमारे रिश्तों पर दिखाई देने लगता है।
कैसै करें रिश्ते की बेहतरी महसूस
खुद को बेहतर बनाने की प्रक्रिया में कुछ ऐसा नहीं है, जो रातोंरात चमत्कार कर दे। इसके लिए आपको संयम और समझदारी से काम लेना होगा। जिसमें खुद को लेकर जागरूकता, खुद को अपने मूल रूप में स्वीकारना, बाहरी दुनिया के साथ आपके रिश्ते और दूसरों के प्रति सहानुभूति का भाव रखना कुछ अनिवार्य शर्ते हैं, जिनकी पूर्ति होने पर ही अपने अंदर बदलाव महसूस किए जा सकते हैं। पर, एक प्रश्न यह भी उठता है कि इन शर्तों को पूरा करने के लिए ऐसा क्या किया जाए, जिससे खुद के विकास के साथ-साथ हमारे अन्य रिश्ते भी बेहतर बन सकें:
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