एक विज्ञापन आपने देखा होगा, जिसमें एक बच्चा अपने पिता से साइकिल खरीदने की बात करता है। कारण, पिता ने सिग्नल पर कार बंद नहीं की थी और पेट्रोल खर्च हो रहा था। बच्चे का जवाब अपको सोचने पर मजबूर कर देता है कि वाकई हम ऐसे काम तो नहीं कर रहे हैं कि आने वाली पीढ़ियां खतरे में पड़ जाएं और जरूरी चीजों के लिए मोहताज होने लगें। हमारी पसंद, तकनीक पर निर्भरता बेशक हमें सुलभ जीवन देती हैं, लेकिन हमारे कारण प्रकृति को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। और कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष तौर पर खुद हमें भी। आज हाल ये हो गया है कि हम दो दिन ज्यादा चलने वाले बर्तन बार लेना पसंद करते हैं क्योंकि वह मात्र दो दिन ज्यादा टिकता है। पर, हकीकत में हमारी जीवनशैली और चुनाव ने इस टिकाऊ शब्द के मायने बहुत हल्के कर दिए। हमारी आदतों ने प्रकृति के साथ-साथ आगे की पीढ़ियों और अब तो खुद हमारे अपने जीवन को भी चुनौतियों में डाल दिया है। माना कि स्थाई कुछ भी नहीं है, लेकिन क्रम बिगाड़ने का अधिकार भी तो किसी को नहीं है। कुछ सालों पहले रजनीकांत की एक फिल्म आई थी 2.0, इस फिल्म में हमारी तकनीक के कारण पक्षियों को होने वाली समस्या और इससे प्रभावित होने वाली अन्य बहुत सी बातों पर रोशनी डाली गई थी। इस तरह की फिल्में और विज्ञापन एक गंभीर कल की ओर इशारा करती हैं। अब समय आ गया है कि हमें भी इसे गंभीरता से ले लेना चाहिए। समय आ गया है हम संसाधनों को बचाते हुए खुशनुमा जिंदगी की ओर कदम बढ़ाएं। साथ ही, दुनिया से विदा लेने से पहले उसका थोड़ा-बहुत कर्ज चुका सकें।
क्या होती है सस्टेनेबल जीवनशैली?
Esta historia es de la edición February 18, 2023 de Anokhi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición February 18, 2023 de Anokhi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
ये हैं मेहंदी के नए ट्रेंड
शादी की और सारी तैयारियां तो कर ली, पर क्या मेहंदी का डिजाइन तय किया? आइए आपकी इस मुश्किल को हम हल कर दें, इन दिनों मेहंदी के किस तरह के डिजाइन ट्रेंड में हैं, बता रही हैं शालिनी जैन
आपकी सोच दिखाएगी कमाल
दुनिया में हर तरह की सोच वाले लोग हैं। नकारात्मक लोगों से घिरे होने के बावजूद अपनी सोच और जिंदगी को कैसे सकारात्मक बनाए रखें, बता रही हैं स्वाति गौड़
पीछे हटेंगे पीछा करने वाले
आपको लगता है कि कोई आपका पीछा कर रहा है? आपको अनचाहे कॉल या मैसेज आते हैं? मुमकिन है कि आप किसी स्टॉकर का शिकार बन रही हों। पर, अब उससे डरने का नहीं बल्कि लड़ने का वक्त है। कानून भी आपको यह अधिकार देता है। स्टाकिंग के खिलाफ क्या हैं आपके अधिकार, बता रहे हैं वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण कुमार गौतम
पहली तिमाही में पेट से जुड़े व्यायाम न करें
हम सबके पास ढेरों सवाल होते हैं, बस नहीं होता जवाब पाने का विश्वसनीय स्रोत। इस कॉलम के जरिये हम एक्सपर्ट की मदद से आपके ऐसे ही सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे। इस बार गाइनेकोलॉजिस्ट देंगी आपके सवालों के जवाब। हमारी एक्सपर्ट हैं, डॉ. अर्चना धवन बजाज
अब रोज खाओ अंडे
ठंड आते ही प्रोटीन से भरपूर अंडे हमारी डाइट में प्रमुखता से शामिल होने लगते हैं। उबले अंडे या फिर ऑमलेट खाने की जगह अंडों से बनाएं और कौन-कौन से व्यंजन, बता रही हैं देविका सिंह
इनके कान पर भी दें ध्यान
बच्चे दूसरों को देखकर और सुनकर सीखते हैं। पर, अगर वो ठीक से सुन ही न पा रहे हों तो? दुनिया भर के बच्चों में तेजी से कानों से जुड़ी समस्या बढ़ रही है। क्या हैं इसके कारण और कैसे अपने बच्चे को इससे बचाएं, बता रही हैं शमीम खान
ऐसे सुलझेगी पहले साल की पहेली
खूब सारी उम्मीदों और उत्साह के साथ कोई जोड़ा अपने शादीशुदा जिंदगी की शुरुआत करता है। पर, शादी का पहला साल अधिकांश लोगों के लिए उनकी उम्मीदों से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित होता है। साथ मिलकर इस चुनौती का कैसे करें सामना, बता रही हैं शाश्वती
ठंड में भी दमकेगी त्वचा
मौसम बदल रहा है और आपकी त्वचा का मिजाज भी। त्वचा पर खुश्की नजर आने लगी है। अब आपको भी समझ जाना चाहिए कि समय आ गया है त्वचा को बदलते मौसम के हिसाब से ढालने का। सर्दियों के लिए कैसी हो त्वचा की तैयारी, बता रही हैं स्वाति शर्मा
विवाह करने का एक फायदा यह भी
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
लौंग दा लश्कारा
पिछले कुछ समय में नाक में पहने जाने वाले तरह-तरह के गहनों का चलन बढ़ा है। अगर आपको भी नाक में जेवर पहनने का शौक है, तो आपके पास विकल्पों की भरमार है। कैसे चुनें अपने लिए ये जेवर और क्या-क्या हैं आपके सामने विकल्प, बता रही हैं स्वाति गौड़