ऐसे कई शोध हुए हैं जो यह बताते हैं कि मां बनने के बाद एक महिला अपने पुराने रूप के मुकाबले ज्यादा सशक्त बन जाती है। यह भी एक जांची-परखी बात है कि मां बनने के बाद एक महिला खुद को बेहतर तरीके से निखार पाती है। वह घर से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों के साथ कामकाजी जीवन में भी बेहतर प्रदर्शन करती है। लेकिन इस बात का अहसास अब हो रहा है। शायद पहले हो गया होता तो तसवीर कुछ और ही होती। लेकिन जब जागो, तब सवेरा । अब मां को पता चल चुका है कि बच्चे को पालने का बेहतर तरीका क्या है। तभी तो आज की मां पहले से काफी अलग है। आज की मां को पता है कि बच्चे की लगाम कहां खींचनी है और कहां छोड़नी है। आज की मां को पता है कि उसके बच्चे की भूख-प्यास के अलावा और भी जरूरतें होती हैं। आज की मां अपने बच्चे के लिए करियर का रास्ता चुनने लगी है, उसके लिए उस हिसाब से व्यवस्था करने लगी है। आज की मां अपने बच्चे की खातिर खुद को निखारने लगी है। वह अपने बच्चों में पारिवारिक संस्कार डाल रही है, लेकिन अपने तरीके से। अब वह किसी की कठपुतली नहीं रही, जिसे अपने बच्चे को डांटने का भी अधिकार नहीं हुआ करता था। आज की मां बेटा-बेटी की परवरिश में फर्क नहीं करती। वह बेटे से भी बेधड़क होकर वे सभी काम करवाती है जो अब तक बेटियों के हिस्से आते थे। वह अब बेटी को समझाती है कि पंख उसके पास भी हैं और वह भी उड़ सकती है। साथ ही उसे उड़ने के लिए सही आसमान भी चुनना सिखाती है।
नई-पुरानी परवरिश का नया संगम
Esta historia es de la edición May 11, 2024 de Anokhi.
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लौंग दा लश्कारा
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रिश्ते की गांठों को सुलझाने की कीजिए कोशिश
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प्यार से बढ़ेगा सुरक्षा का भाव
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क्यों जरूरी है रानी रामपाल को जानना?
हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन
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