कुछ दिन पहले पंजाब के पटियाला में अपने जन्मदिन का केक खाने से एक दस वर्षीय बच्ची की जान चली गई। उस बच्ची के जन्मदिन पर एक बेकरी से ऑनलाइन केक खरीदा गया था, जिसे खाने के बाद पूरे परिवार की तबीयत बिगड़ गई और उस बच्ची की मृत्यु हो गई। घटना झकझोर देने वाली है क्योंकि जन्मदिन सहित तमाम छोटे-बड़े अवसरों पर केक हम सभी खाते ही हैं। लेकिन जब इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि केक बनाने में सैकरीन यानी आर्टिफिशियल स्वीटनर का बहुत ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया गया था। जिसकी वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया।
हालांकि ऐसा नहीं है कि सैकरीन का इस्तेमाल पहली बार किसी खाने की चीज की मिठास बढ़ाने के लिए किया गया हो। असल में बहुत सी खाने-पीने की चीजों में कृत्रिम स्वीटनर का इस्तेमाल किया जाना सामान्य सी बात है, लेकिन उसे बेहद कम मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। वजन कम करने के इच्छुक लोग भी अकसर रिफाइंड शुगर की जगह कृत्रिम स्वीटनर का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते रहते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि कहीं ये कृत्रिम स्वीटनर आपकी सेहत को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा? कहीं ऐसा तो नहीं कि धीमे जहर की तरह यह कृत्रिम मिठास आपकी सेहत को ही बर्बाद कर रही है?
सेहत पर भारी
Esta historia es de la edición May 11, 2024 de Anokhi.
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