तकरीबन सात महीने से दक्षिण भारत के दो तस्करों ने देश भर के दर्शकों को दीवाना बना रखा है. उनके गैर-कानूनी धंधे अलगअलग हैं-पुष्पा का लाल चंदन, रॉकी का सोना–लेकिन दोनों की पृष्ठभूमि और हावभाव एक जैसे हैं: मां के बेटे पुलिस, नेता या अपराधियों और उनके गुर्गों से मुठभेड़ के दौरान अनायास स्वैग (लड़खड़ाते डोलने की खास अदा) में झूमने लगते हैं. पुष्पा कंधा हल्का-सा झुकाए एक हाथ दाढ़ी पर खास अंदाज में फेरता है, तो रॉकी छैल छबीले लिबास (डैपर सूट) में सिगरेट और ड्रिंक मोहक अंदाज में पीता है. इन फिल्मों से दो प्रमुख ऐक्टर: तेलुगु सिनेमा के 'आइकन स्टार' अल्लू अर्जुन और कन्नड़ सिनेमा के ‘चमकते सितारे' यश देश के हर घर में जाने-पहचाने नाम हो गए हैं.
जितना दबंग हीरो, सिनेमा हॉल में उतना बेहतर प्रदर्शन पुष्पाः द राइज 2021 की सबसे हिट फिल्म बनी. उसकी देश भर में 323 करोड़ रु. की कुल कमाई में उसके हिंदी में डब वर्जन का कारोबार 108 करोड़ रु. था. उसके बाद 2022 में केजीएफ: चैप्टर 2 भारतीय सिनेमा के इतिहास में देश भर में भारी-भरकम 992 करोड़ रु. की कमाई के साथ दूसरी सबसे बड़ी फिल्म बनी, जिसमें 427 करोड़ रु. उसके हिंदी वर्जन से आए. दक्षिणी सूनामी का सैलाब पुष्पा और केजीएफ पर ही नहीं रुका, एस. एस. राजमौलि की आरआरआर-राइज रोर रिवोल्ट भी उतनी ही ब्लॉकबस्टर साबित हुई. अंग्रेजों के खिलाफ दो स्वतंत्रता सेनानी नायकों के नाचने की कला और हैरान करने वाले असंभव-से स्टंट ने देश और विदेश में दर्शकों को समान रूप से खींचा.
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नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"