आप इस पर कैसे काबू करेंगे ? वह सीला-सा फिल्टर, इंद्रियों को जागृत करते अनसुलगे तंबाकू की गंध, देह को तर-बतर, नसों को ढीला और तनाव को तितर-बितर करती गर्माहट का एहसास ? सिगरेट हमेशा आपकी हमसफर हो सकती है. दोस्त हर दम, क्या खुशी क्या गम. यह तनाव या गुस्से से उससे निपटने का तरीका है. मुंबई की 29 वर्षीय मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव प्रेरणा बर्डे कहती हैं, "सिगरेट मेरे लिए परछाईं की तरह है. मेरी खुशी इससे जुड़ी है. इसके बगैर कुछ भी कर पाना मुझे मुश्किल लगता है."
दिक्कत यह है कि निकोटिन आपको लुभाकर जितना ही अपने शिकंजे में ले जाता है, उतना ही मुश्किल होता है इसके मुंह या फेफड़ों पर पड़ने वाले विनाशकारी प्रभावों से भागना या पीछा छुड़ाना. कभी-कभार कुछेक लोग ही तंबाकू से इस रिश्ते को तोड़ पाते हैं. मगर जरा-सा उकसावा मिला नहीं कि रिश्ता फिर शुरू. भारत दुनिया के उन देशों में है जहां धूम्रपान के खत्म होने की दर सबसे कम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2019 के ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस) के मुताबिक, भारत में धूम्रपान करने वाले 55 फीसद लोग यह लत छोड़ना चाहते हैं, पर कामयाब नहीं हो पाते. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, केवल 4 फीसद ही वाकई हमेशा के लिए छोड़ पाते हैं.
नए शोध उन लोगों के लिए उम्मीद बंधाते हैं जो धूम्रपान छोड़ना चाहते हैं लेकिन इसमें विफल रहे. दशकों से तंबाकू की लत के खात्मे का सबसे आमफहम जवाब इसे सख्ती से बंद करना या निकोटिन रिप्लेसमेंट थैरेपी (एनआरटी) के तहत गम्स, पैचेज या स्प्रे सरीखी चीजों का इस्तेमाल करना था. अगर इससे प्रतिकूल भावनात्मक और शारीरिक प्रभाव पैदा हुए तो उसके लिए भी दवाइयां थीं. आज इसकी लत हमेशा के लिए छुड़ाने का समूचा नजरिया बदल गया है. अमेरिकी जर्नल एडिक्शन में यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल की ओर से अक्तूबर 2021 में किए गए एक अध्ययन में एनआरटी और वरेनिक्लीन व ब्यूप्रोपियन जैसी नई दवाओं के साथ बिहेवेरियल काउंसलिंग (व्यवहारगत परामर्श) की सिफारिश की गई है. दरअसल, ये दवाएं तंबाकू से छुटकारे में डब्ल्यूएचओ की तरफ से प्रभावी और सुरक्षित करार दिए जाने के बाद इसी साल से चिकित्सा में उपयोग की जा रही हैं. नई दवाएं निकोटिन की तलब को किसी विकल्प से दबाने बजाय सीधे दबाने का काम करती हैं.
Esta historia es de la edición August 03, 2022 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición August 03, 2022 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.