बिहार
अपने सात राष्ट्रीय मोर्चों की कार्यकारिणी की बैठक के बहाने भाजपा ने न सिर्फ राजधानी पटना बल्कि पूरे बिहार में देशभर के अपने 750 से अधिक बड़े नेताओं को उतार दिया. इनमें से 391 नेताओं ने राज्य की 200 विधानसभा क्षेत्रों में 2,164 कार्यक्रम आयोजित किए और साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाताओं से संपर्क किया. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह पटना आए और राजधानी के ज्ञान भवन में दो दिनों तक मोर्चे के हजारों कार्यकर्ताओं का जमघट बना रहा. प्रभात फेरियां, झांकियां और रोड शो आयोजित हुए. ऐसा लगा कि चुनाव से काफी पहले चुनाव आ गया है. हालांकि पार्टी के दोनों बड़े नेताओं ने स्पष्ट किया कि चुनाव 2025 में ही होंगे और वह चुनाव एनडीए एकजुट होकर लड़ेगा, मगर राजनैतिक हलकों में इस बात की चर्चाएं तेज हो गईं कि भाजपा एक बार फिर से बिहार में आत्मनिर्भर होने और अपने दम पर अकेले चुनाव लड़कर अपने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अपनी सरकार बनाने में जुट गई है.
आयोजन की शुरुआत से ही यह सवाल उठने लगे थे कि क्या भाजपा और जद-यू अलग होने जा रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही कि भाजपा ने बिहार मोर्चा प्रवास योजना के नाम से अपने नेताओं को 200 विधानसभा सीटों पर 28 और 29 जुलाई को दो दिन के लिए प्रवास करने भेजा. इस बीच सवाल उठा कि बिहार में जब विधानसभा सीटों की कुल संख्या 243 है, तो फिर पार्टी ने सिर्फ 200 क्षेत्रों में ही अपने नेता क्यों भेजे ? कोई भाजपा नेता इस सवाल का साफ जवाब नहीं दे पाया. आयोजन की समाप्ति के बाद इंडिया टुडे ने जब यह सवाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल से पूछा तो उन्होंने कहा, "हमने इस कार्यक्रम के लिए अलग-अलग मोर्चों के 418 नेताओं को आमंत्रित किया था, मगर उनमें से 391 ही क्षेत्र में प्रवास करने के लिए आ पाए. इसी वजह से हमें सीटों की संख्या 243 से घटाकर 200 करनी पड़ी." मगर उन्होंने यह साफ नहीं किया कि नेताओं की संख्या तो 27 ही घटी थी, फिर सीटें क्यों 43 घट गईं.
Esta historia es de la edición August 17, 2022 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición August 17, 2022 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.