जब कोई नौकरशाह आंकड़ों को बरतने में माहिर होता है तो वह अंकों के ताने-बाने से उन समस्याओं का समाधान पेश कर देता है जो दूसरों के लिए आसान नहीं होतीं. आइआइटी खड़गपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार में पीएचडी कर चुके सुब्रत गुप्ता पश्चिम बंगाल सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और बागवानी विभाग के प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं. उन्होंने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग की पहाड़ियों में बागवानी करने वाले किसानों की उपज को बढ़ाने में मदद करने के लिए केंद्र सरकार की एक योजना में थोड़ा बदलाव किया.
पिछले 15 महीनों में सीधी ढाल वाले क्षेत्रों में ग्रीनहाउस अवधारणा का इस्तेमाल करते हुए जिसमें फसल के खेतों को पूरी तरह या आंशिक रूप से कवर करना शामिल है, 2,500 से अधिक पॉलीहाउस का निर्माण करना उनका मुख्य हस्तक्षेप था. केंद्रीय पॉलीहाउस सब्सिडी स्कीम के दायरे में काम करते हुए किसानों की ओर से कुल लागत का अनिवार्य आधा भुगतान किए बिना इसे हासिल किया गया. गुप्ता के राह दिखाने से पहले, वहां के किसानों को साल के नौ महीने घरेलू सहायक या मजदूर के रूप में काम करना पड़ता था क्योंकि खेती का मौसम केवल तीन महीने तक रहता था. लेकिन, पॉलीहाउसों की मदद से खराब/ठंड के मौसम से बचने के साथ-साथ 2,500 किसान परिवार पिछले 15 महीनों में नौ महीनों तक खेती करने में सक्षम हुए हैं.
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