मुरादाबाद रेलवे स्टेशन से करीब दो किलोमीटर दूर थाना मुगलपुरा के फैजगंज इलाके का हसन नर्सिंग होम लंबे समय से जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) की गतिविधियों का केंद्र रहा है. यह मुरादाबाद के मशहूर सर्जन डॉ. एस.टी. हसन का अस्पताल है. पूर्व मेयर और वर्तमान में मुरादाबाद लोकसभा सीट से सांसद डॉ. हसन के अस्पताल में रोज सुबह छह बजे से मरीज डेरा डाल देते हैं. मरीजों को देखने के साथ डॉ. हसन अपने अस्पताल में सपा कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर संवाद करते थे. इस बार भी लोकसभा चुनाव के लिए सपा के उम्मीदवार घोषित होने के बाद डॉ. हसन के अस्पताल में सपा कार्यकर्ताओं की सरगर्मियां बढ़ गई थीं. लेकिन अप्रत्याशित घटनाक्रम में डॉ. हसन को सपा का टिकट नहीं मिला. अब हसन नर्सिंग होम के बाहर सन्नाटा है. लेकिन दूरदराज से मरीजों का इलाज के लिए पहुंचना बदस्तूर जारी है. डॉ. हसन भी टिकट न मिलने की मायूसी को मरीजों के इलाज में समय देकर दूर करने की कोशिश कर रहे हैं.
मायूस तो मुरादाबाद में डॉ. हसन के समर्थक सपा और कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता भी हैं. यह मायूसी कई बार गुस्से में भी तब्दील होती दिख रही है. मुरादाबाद के चक्कर की मिलक पर स्थित सपा कार्यालय में आयोजित कार्यकर्ता बैठक में पहली बार पहुंचीं सपा प्रत्याशी रुचि वीरा उस वक्त असहज हो गईं जब मंच पर मौजूद नेताओं ने डॉ. हसन का टिकट कटने पर खुलेआम नाराजगी व्यक्त की. कई नेताओं ने तो मंच से सपा उम्मीदवार रुचि वीरा पर ही डॉ. हसन की विरोधी होने का आरोप लगा दिया. मुरादाबाद में सपा के जिला महासचिव समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत करने की कोशिश की लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने सपा के भीतर मचे असंतोष को जगजाहिर कर दिया.
Esta historia es de la edición April 17, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición April 17, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.