मैंने किया क्या है? मेरी गलती क्या है?" एक एसयूवी में सवार होकर निकले दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने सनरूफ के बीच खड़े होकर सैकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह सवाल उछाला. उन्होंने आसपास मौजूद भीड़ से फिर पूछा, "मेरी गलती यह है कि मैंने आपके बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल बनवाए ? मेरी गलती यह है कि आप सबको मुफ्त बिजली मुहैया कराई ? क्या यही बात है ?" तभी अपने घर की बालकनी से झांक रही एक महिला का जवाब आया, "हां!" केजरीवाल ने उनकी तरफ देखा और जवाब में मुस्कुरा दिए.
यह रैली दक्षिणी दिल्ली के महरौली स्थित सेठ सराय इलाके में एक रोड शो का हिस्सा थी, जिसका मकसद यह बताना था कि केजरीवाल 2024 के चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए वापस आ गए हैं. वे करीब छह सप्ताह पहले अपनी गिरफ्तारी के बाद से सियासी परिदृश्य से नदारद थे. केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आने के एक दिन बाद चुभती गर्मी के बीच शाम को इलाके से गुजरने वाला मुख्य कालका दास मार्ग आप कार्यकर्ताओं से खचाखच भरा नजर आया. हर तरफ गांधी टोपी पहने कार्यकर्ता दिख रहे थे. जगह-जगह पार्टी के पीले-नीले रंग वाले झंडे और झाडू चिह्न वाले बैनर लहराते दिखे. एक लाउडस्पीकर पर क्रांतिकारी गीत 'मेरा रंग दे बसंती चोला' बजता है. और केजरीवाल अपनी कैद के बारे में बताना शुरू करते हैं, "जेल में मैंने आप सबको बहुत मिस किया. पर कल एक चमत्कार हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने मुझे आज आपके समक्ष चुनाव प्रचार के लिए स्वतंत्र कर दिया." यह सुनते ही भीड़ में खुशी की एक लहर-सी दौड़ गई.
दक्षिण दिल्ली वह लोकसभा क्षेत्र है, जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 10 में से नौ सीटों पर जीत हासिल की थी. यह स्थिति तब थी जब बमुश्किल एक साल पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दिल्ली की सभी सात संसदीय सीटों पर कब्जा जमाया था. लेकिन 21 मार्च को जब केजरीवाल पद पर रहते गिरफ्तार किए जाने वाले पहले मुख्यमंत्री बने, तो दिल्ली शराब नीति मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जाने-अनजाने ही आप को एक बड़ा चुनावी मुद्दा थमा दिया.
Esta historia es de la edición May 29, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición May 29, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
शब्द हैं तो सब है
शब्द और साहित्य की जादुई दुनिया का जश्न मनाते लेखक-राजनेता शशि थरूर अपने निबंधों की किताब के साथ हाजिर
अब बड़ी भूमिका के लिए बेताब
दूरदराज की मंचीय प्रतिभाओं को निखारने का बड़ा प्लेटफॉर्म बनकर उभरा एमपीएसडी. नई सोच वाले निदेशक के साथ अब वह एक नई राह पर. लेकिन क्या वह एनएसडी जैसा मुकाम बना पाएगा?
डिजिटल डकैतों पर सख्त कार्रवाई
नया-नवेला जिला डीग तेजी से देश में ऑनलाइन ठगी का केंद्र बनता जा रहा था. राज्य सरकार और पुलिस की निरंतर कार्रवाई की वजह से राजस्थान के इस नए जिले में पिछले छह महीने के दौरान साइबर अपराध की गतिविधियों में आई काफी कमी
सनसनीखेज सफलता
पल में मजाकिया, पल में खौफनाक. हिंदी सिनेमा में हॉरर कॉमेडी फिल्मों का आया नया जमाना. चौंकने-डरने को बेताब दर्शकों के कंधों पर सवार होकर भूतों ने धूमधाम से की बॉक्स ऑफिस पर वापसी
ममता के लिए मुश्किल घड़ी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार खिन्न और प्रदर्शन करते राज्य के लोगों का भरोसा के लिए अंधाधुंध कदम उठा रही है
ठोकने की यह कैसी नीति
सुल्तानपुर में जेवर की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव को मुठभेड़ में मार डालने के बाद विपक्षी दलों के निशाने पर योगी सरकार. फर्जी मुठभेड़ एक बार फिर बनी मुद्दा
अग्निपरीक्षा की तेज आंच
अदाणी जांच में हितों के टकराव के आरोपों में घिरीं और अपने ही स्टाफ में उभरते विद्रोह से सेबी की मुखिया से ढेरों जवाब और खुलासों की दरकार
अराजकता के गर्त में वापसी
केंद्र और राज्य के निकम्मेपन से मणिपुर में नए सिरे से उठीं लपटें, अबकी बार नफरत की दरारें और गहरी तथा चौड़ी लगने लगीं, अमन बहाली की संभावनाएं असंभव-सी दिखने लगीं
अब आई मगरमच्छों की बारी
राजस्थान में 29 जुलाई, 2024 की दोपहर विधानसभा में राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) परीक्षा में पेपर लीक को लेकर सियासत गरमाई हुई थी. प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने पेपर लीक के मामलों को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर यह आरोप जड़ दिया कि अभी तक सरकार ने छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी हैं, मगरमच्छ तो अभी भी खुले घूम रहे हैं. इस हमले का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा, \"आप बेफिक्र रहिए जल्द ही हम उन मगरमच्छों को भी पकड़ेंगे जो बाहर घूम रहे हैं.\"
नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"