मई की 20 तारीख. भुवनेश्वर में सूर्यास्त के वक्त आसमान सुर्ख लाल रंग का दिख रहा है. यह राज्य की राजधानी के बीच में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के रोड शो के रास्ते के किनारे खिले हुए गुलमोहर के पेड़ों की लालिमा से मिलता-जुलता है. हल्की हवा सड़क के दोनों ओर उमड़े समर्थकों के मजमे को उमस भरी गर्मी से राहत दिला रही है. इस राज्य की पहचान संबलपुरी साड़ियां पहने महिलाएं हरे रंग के बीजद (बीजू जनता दल) के झंडे लहरा रही हैं, जिसके बीच में पार्टी का चुनाव चिन्ह सफेद शंख चमक रहा है. कुछ ने तो उनके कार्डबोर्ड फेस मास्क भी पहन रखे हैं. तीन पंक्तियों में खड़े ढोल वादक ढोल को ऐसे पीट रहे हैं, जैसे इससे ज्यादा आवाज निकालने का मौका फिर नहीं मिलेगा. दूसरी ओर आदिवासी पोशाक में महिलाएं दलखई कर रही हैं, जो फसल कटाई के दौरान का पॉपुलर लयबद्ध लोकनृत्य है.
लेकिन नवीन के लिए इतिहास के ढोल की थाप ज्यादा स्पष्ट है. ओडिशा के पांच बार के मुख्यमंत्री इन भीड़ भरे रोड शो में शामिल होकर वोटों की एक और भरपूर फसल काटने उतरे हैं. उन्हें बीजद और खुद के लिए लगातार छठी बार जीत के साथ सभी चुनावी रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद है, ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों के लिए राज्य की 21 लोकसभा सीटों के साथ ही चुनाव हो रहे हैं. अगर नवीन जीतकर फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वे देश के विधायी इतिहास में सबसे लंबे समय तक सीएम रहने के पवन चामलिंग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगे. चामलिंग 24 साल और 165 दिनों तक सिक्किम के सीएम रहे. 4 जून को जब नतीजे घोषित किए जाएंगे, तब नवीन मुख्यमंत्री के तौर पर 24 साल और 90 दिन पूरे कर चुके होंगे और उन्हें शीर्ष सम्मान हासिल करने के लिए सिर्फ 73 दिन और चाहिए. लेकिन अगर वे राज्य के चुनाव में बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे तो इतिहास बन जाएंगे क्योंकि 77 साल की उम्र में यह शायद उनका आखिरी चुनाव होगा.
Esta historia es de la edición June 12, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor ? Conectar
Esta historia es de la edición June 12, 2024 de India Today Hindi.
Comience su prueba gratuita de Magzter GOLD de 7 días para acceder a miles de historias premium seleccionadas y a más de 9,000 revistas y periódicos.
Ya eres suscriptor? Conectar
भुवन की बम-बम
भुवन बाम 27 सितंबर को डिज्नी + हॉटस्टार पर ताजा खबर के नए सीजन के साथ वापसी कर रहे
हरित ऊर्जा की तरफ कूच
जीवाश्म ईंधन से सोलर सेल तक भारत की ऊर्जा क्रांति रोमांचकारी है, मगर क्या इसकी मौजूदा रफ्तार कायम रखी जा सकती है? नीति निर्माता, उद्योग के अगुआ और विशेषज्ञ बता रहे हैं अपना-अपना नजरिया और चिंताएं
मुश्किल में मुखर्जी नगर की विरासत
हिंदी माध्यम में सिविल सेवा तैयारी के सबसे बड़े केंद्र दिल्ली के मुखर्जी नगर के कोचिंग संस्थानों के सामने अस्तित्व का संकट
सोने के प्रति नई ललक
देश में बढ़ते जेवरात बाजार के मद्देनजर बड़े कॉर्पोरेट घराने हिस्सेदारी ने की होड़ में उपभोक्ताओं की खातिर खांटी माल और आकर्षक डिजाइन लेकर हाजिर
अवधपुरी में धांधली की गहराती धमक
अयोध्या में जमीन की खरीद और मुआवजा वितरण में धांधली पर समाजवादी पार्टी का आक्रामक रुख. विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देने में आखिर कमजोर क्यों साबित हो रही भाजपा सरकार?
शिंदे की रेवड़ी बांटने वाली चाल
क्या इससे उन्हें अधर में लटके महायुति के भविष्य को नई दिशा देने में मदद मिलेगी?
जन सुराज प्रशांत किशोर का पोलिटिकल वेंचर!
दो साल से बिहार में चल रहा जन सुराज अभियान गांधी जयंती के दिन पार्टी की शक्ल लेने जा रहा. पहली बार कोई पार्टी रिसर्च, स्ट्रैटजी और पेशेवर प्रबंधनों से बन रही. कहीं न कहीं इसके पीछे पैसों की ताकत भी है. प्रशांत किशोर का मानना है कि बिहार में सफल रहने पर इस प्रयोग को देश के दूसरे इलाकों में भी आजमाया जाएगा
केजरीवाल ने चल दिया तुरुप का इक्का
जमानत पर जेल से बाहर आते ही आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा कर विरोधियों को चौंका दिया
वादे, इरादे और खतरे
मायूसी लंबे वक्त से जम्मू और कश्मीर के स्वभाव में रच-बस गई थी, वहीं यह विधानसभा चुनाव राज्य में उम्मीद की सरगर्मियां लेकर आया है. आठ प्रमुख सियासतदानों ने ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से अपनी नाइत्तेफाकी और आकांक्षाओं के बारे में बात की
कितना कुछ दांव पर
दस साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव में भाजपा की अब राज्य में वर्चस्व हासिल करने की चाहेत. दूसरी ओर घाटी के नेता अपनी पहचान और स्वायत्तता वापस पाने की लड़ाई लड़ रहे