आगरा फोर्ट स्टेशन से करीब 400 मीटर दूर हींग की मंडी के रूप में जाने जाना वाला इलाका अब जूते-चप्पलों के निर्माण का बहुत बड़ा केंद्र बन चुका है. लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बाद तीसरे चरण के चुनाव में चुनाव में 7 मई को आगरा (सुरक्षित) सीट पर मतदान होने के बाद हींग की मंडी में भी खामोशी पसरी हुई थी. लेकिन 18 मई को अचानक तब खलबली मच गई जब आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने सुबह करीब 11 बजे हींग की मंडी समेत कई इलाकों में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर छापे मारने शुरू कर दिए. यहां स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स, सुभाष पार्क के नजदीक स्थित बी. के. शूज और इनसे ही जुड़ी धाकरान चौराहे पर स्थित मंशु फुटवियर के प्रतिष्ठान तथा घर समेत लगभग एक दर्जन ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई शुरू हुई. जयपुर हाउस स्थित हरमिलाप ट्रेडर्स के मालिक रामनाथ डंग के आवास पर आयकर विभाग ने खोजबीन शुरू की तो घर के अलग-अलग हिस्सों से नोटों की गड्डियां बरामद होने लगीं. ज्यादातर नोट 500 रु. के थे. किसी व्यक्ति के यहां इतनी नकदी होने की आयकर विभाग ने कल्पना तक नहीं की थी. टीम जिस भी कमरे में गई, नोटों का भंडार मिला. पहले तो अधिकारियों ने हाथ से नोट गिनने शुरू किए पर जब बरामद नकदी की मात्रा काफी बढ़ गई तो नोट गिनने वाली मशीन मंगानी पड़ी. नोट इतने ज्यादा थे कि गिनने वाली मशीनें भी हांफ गईं. बरामद कैश की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं जिनमें बेड पर नोट बिछे दिखाई दे रहे थे.
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जब मौन बन गया उद्घोष
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बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई