लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए सफलता कम शर्मिंदगी का सबब ज्यादा हैं. उसे चेहरा बचाने लायक जीत हासिल हुई, सत्ता से बाहर होने का खतरा बस किसी तरह टला और गहन आत्मनिरीक्षण की जरूरत बताते कई सवाल मुंह बाए खड़े हैं. एक दशक तक निर्विवाद रूप से देश पर भरपूर वर्चस्व कायम रखने वाली भाजपा के लिए यह स्थिति असहज करने वाली थी. बस इतनी ही गनीमत रही कि पार्टी पूरी बहादुरी के साथ खुद को सामान्य दिखाने की कोशिश कर पा रही थी. नतीजे ऐसे रहे कि नई दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास से आने वाली तस्वीरों को किसी तरह सामान्य और खुशी के माहौल वाली दर्शाया जा सका. आखिरकार, नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल कर एक नया इतिहास जो रचा. लेकिन इन मुस्कुराहटों के बीच दो चेहरों पर तनाव और थकावट साफ दिख रही थी- एक मोदी के 'चाणक्य' अमित शाह और दूसरे पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा. वे लगातार पर्दे के पीछे वार्ताओं में व्यस्त थे. ताकि ऐसे संभावित साझेदारों को टटोला जा सके जिनकी मित्रता के बलबूते मोदी 3.0 की स्था सुनिश्चित हो सके. यह तो बस एक लंबी कवायद की शुरुआत भर हो सकती है, क्योंकि एक दशक में पहली बार भाजपा खुद पूर्ण बहुमत से पीछे रह गई है. और सरकार चलाने के लिए उसे दूसरे दलों के समर्थन पर निर्भर रहना होगा.
Esta historia es de la edición 19th June, 2024 de India Today Hindi.
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लीक से हटकर
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खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
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छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई