जम्मू के रियासी में आतंकवादी हमले और पंजाब में दो कट्टरपंथियों की चुनावी जीत के साथ उनकी बढ़ती पैठ के मद्देनजर यही कहा सकता है कि भारत अभी आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त नहीं हो पाया है. मणिपुर हिंसा के घाव हरे हैं और वामपंथी उग्रवाद भले ही देश के दूरदराज के कुछ इलाकों तक सिमटकर रह गया हो लेकिन इसे जड़ से मिटाया नहीं सका है. ये ऐसी चुनौतियां हैं जिन पर गृह मंत्री और उनकी टीम को खास ध्यान देना होगा. इसके अलावा, पिछले कार्यकाल के कई काम अधूरे पड़े हैं. मसलन, यूसीसी, सीएए और एनआरसी को लागू करना. अब यह बात अलग है कि गठबंधन धर्म के कारण उन्हें ठंडे बस्ते में न डालना पड़ जाए. भारतीय न्याय संहिता सहित नए कानून लागू करना भी प्राथमिकता में शुमार होगा, जो आइपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. फिर राष्ट्रीय जनगणना कराने की चुनौती भी सामने है, जिसमें पहले ही तीन साल की देरी हो चुकी है. महिला आरक्षण एक और ऐसा वादा है जो अभी पूरा नहीं हुआ है. कुल मिलाकर, गृह मंत्री के मौजूदा कार्यकाल के लिए एक लंबी फेहरिस्त सामने है.
क्या किया जाना चाहिए
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लीक से हटकर
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यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
डिस्को का देसी अंदाज
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जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई