अजन्मी बेटियों को बचाने की मुहिम
India Today Hindi|January 01, 2025
देश ने प्रसवपूर्व लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगाकर कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने की दिशा में पहला कदम उठाया. उसके बाद तो कई अन्य मोर्चों पर जंग शुरू हुई, जिसमें लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई के अधिकार की लड़ाई भी शामिल
सोनाली आचार्जी
अजन्मी बेटियों को बचाने की मुहिम

प्रसवपूर्व लिंग परीक्षण पर रोक, 1994

न्म से पहले ही मार देना, मानवाधिकार का इससे बड़ा उल्लंघन और क्या हो सकता है? इसके बावजूद देश में जन्म के समय लिंगानुपात (एसआरबी) पर गौर करें तो अवांछित बेटियों से छुटकारा पाने के लिए कन्याभ्रूण हत्या जैसा अमानवीय कृत्य 21वीं सदी में भी जारी है. अनुपात 2020 में 100 लड़कियों पर 108.1 लड़के का था जबकि नैसर्गिक एसआरबी 105 है. देश में यह एसआरबी 1970 के दशक के पहले होता था.

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