
▶ आमिर खान अभिनेता, निर्माता
सुपरस्टार आमिर खान ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ने ठीक यही किया. कई 100, 200 और 300 करोड़ रु. और एक दंगल तो 2,000 करोड़ रु. की कमाई वाली फिल्मों के साथ आमिर का सफर लंबा और घटनापूर्ण रहा है. वे 1988 में 23 साल की उम्र में कयामत से कयामत तक में बड़े परदे पर उतरे थे, जिसमें उनके निभाए किरदार राज ने सिल्वर स्क्रीन पर धमाका कर दिया.
उनकी चॉकलेटी बॉय वाली छवि ने दिल, जो जीता वही सिकंदर, अंदाज अपना-अपना, रंगीला, राजा हिंदुस्तानी, दिल चाहता है... में भी लोगों को खूब आकर्षित किया. यही नहीं, अपने सफर के दौरान उन्होंने कई संजीदा और सार्थक भूमिकाएं निभाईं बल्कि सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित फिल्में भी बनाईं जिनमें लगान, लाल सिंह चड्डा, दंगल, तारे जमीं पर, सीक्रेट सुपरस्टार, लापता लेडीज आदि शामिल हैं.
Esta historia es de la edición March 26, 2025 de India Today Hindi.
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जीवन बना संगीत
मशहूर सितारवादक शाहिद परवेज महीने भर की अपनी अमेरिका यात्रा, बेटे शाकिर और लिखे जा रहे अपने जिंदगीनामे पर

अश्लीलता से लड़ाई की रणनीति
एक समय लोक के सुख- दुःख का लेखा-जोखा रहे भोजपुरी गीत अश्लीलता का पर्याय बने. अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने नीतीश सरकार के साथ मिलकर इसके खिलाफ शुरू किया तगड़ा अभियान

समानता का मुश्किल सफर
भारतीय समाज शिक्षा और रोजगार में तो स्त्री-पुरुष समानता अपनाता जा रहा है पर गहरी पैठ जमाए पितृसत्ता अब भी महिलाओं की व्यक्तिगत आजादी और घरेलू फैसलों को आकार दे रही है

लूट के माल की वापसी
प्रवर्तन निदेशालय ने धन वापसी को अपनी पहली प्राथमिकता बनाया, एजेंसी गैर-कानूनी रकम की तलाश में तेजी, जब्त संपत्तियों की बिक्री और वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार लोगों को उनकी वाजिब रकम की वापसी को दे रही तरजीह

भारत के सकल घरेलू-व्यवहार की थाह
अपनी तरह के इस पहले जनमत सर्वेक्षण ने भारतीयों की रोजमर्रा की आदतों, तौर-तरीकों और सामाजिक आचार-व्यवहार के बारे में किए कई चौंकाने वाले खुलासे

आखिर कितने सुरक्षित हैं हम
जीडीबी सर्वे में सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर अलग-अलग तरह की व्यापक चुनौतियां सामने आई हैं. हर समस्या के लिए अलग-अलग राज्य के स्तर पर उसी के मिजाज के अनुरूप समाधान की दरकार

मिट रहे हैं दायरे पर धीरे-धीरे
जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव को जायज मानने वालों की संख्या अब कम से कमतर होती जा रही है हालांकि जाति या धर्म से बाहर शादियों के प्रति अब भी रूढ़िवादिता हावी है

नियम और नियंत्रण पर बढ़ता बरखेड़ा
महाबोधि मंदिर प्रबंधन कमेटी से हिंदू सदस्यों को हटाने और बोधगया टेंपल ऐक्ट को वापस लेने की मांग को लेकर बौद्ध भिक्षु बोधगया में 12 फरवरी से क्रमिक अनशन पर हैं. उनके समर्थन में देश और दुनिया के कई शहरों में आंबेडकरवादी बौद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं

फिर उभरी दरारें
हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं का एक धड़ा 17 मार्च को नागपुर के पुराने महाल मोहल्ले में इकट्ठा हुआ.

शराब से परहेज की पुकार
बर्फ से ढके गुलमर्ग का नजारा है. मौका है द एली इंडिया फैशन शो का, जिसमें दिल्ली के डिजाइनर शिवन और नरेश के परिधान—टोपियां, पैंट सूट, स्कीवियर और हां बिकिनी भी—प्रस्तुत किए गए.