यह पूर्वोत्तर का इकलौता राज्य है, जहां भारतीय जनता पार्टी की पैठ हाशिए पर है। पड़ोसी राज्य मणिपुर में जारी कुकी-मैतेई टकराव के घटनाक्रम से उसकी पकड़ और ढीली पड़ गई है। यह राज्य में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के नेता तथा मुख्यमंत्री जोरमथंगा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने से इनकार से भी समझा जा सकता है। उसके बाद मोदी की रैली ही रद्द हो गई। एमएनएफ केंद्र में एनडीए का हिस्सा है, मगर मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का भी उसके इकलौते सांसद ने समर्थन किया था। फिर भी, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अक्टूबर में तीन दिवसीय दौरे में वहां पहुंचे थे तो उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को ही मुद्दा बनाया था। उन्होंने एमएनएफ और मौजूदा विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) पर भाजपा से साठगांठ का आरोप लगाया, जिसकी नीतियों से, बकौल उनके, मणिपुर जल रहा है।
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गांधी पर आरोपों के बहाने
गांधी की हत्या के 76 साल बाद भी जिस तरह उन पर गोली दागने का जुनून जारी है, उस वक्त में इस किताब की बहुत जरूरत है। कुछ लोगों के लिए गांधी कितने असहनीय हैं कि वे उनकी तस्वीर पर ही गोली दागते रहते हैं?
जिंदगी संजोने की अकथ कथा
पायल कपाड़िया की फिल्म ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट परदे पर नुमाया एक संवेदनशील कविता
अश्विन की 'कैरम' बॉल
लगन और मेहनत से महान बना खिलाड़ी, जो भारतीय क्रिकेट में अलग मुकाम बनाने में सफल हुआ
जिसने प्रतिभाओं के बैराज खोल दिए
बेनेगल ने अंकुर के साथ समानांतर सिनेमा और शबाना, स्मिता पाटील, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, गिरीश कार्नाड, कुलभूषण खरबंदा और अनंतनाग जैसे कलाकारों और गोविंद निहलाणी जैसे फिल्मकारों की आमद हिंदी सिनेमा की परिभाषा और दुनिया ही बदल दी
सुविधा पचीसी
नई सदी के पहले 25 बरस में 25 नई चीजें, जिन्होंने हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से बदल डाली
पहली चौथाई के अंधेरे
सांस्कृतिक रूप से ठहरे रूप से ठहरे हुए भारतीय समाज को ढाई दशक में राजनीति और पूंजी ने कैसे बदल डाला
लोकतंत्र में घटता लोक
कल्याणकारी राज्य के अधिकार केंद्रित राजनीति से होते हुए अब डिलिवरी या लाभार्थी राजनीति तक ढाई दशक का सियासी सफर
नई लीक के सूत्रधार
इतिहास मेरे काम का मूल्यांकन उदारता से करेगा। बतौर प्रधानमंत्री अपनी आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस (3 जनवरी, 2014) में मनमोहन सिंह का वह एकदम शांत-सा जवाब बेहद मुखर था।
दो न्यायिक खानदानों की नजीर
खन्ना और चंद्रचूड़ खानदान के विरोधाभासी योगदान से फिसलनों और प्रतिबद्धताओं का अंदाजा
एमएसपी के लिए मौत से जंग
किसान नेता दल्लेवाल का आमरण अनशन जारी लेकिन केंद्र सरकार पर असर नहीं