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अलीगढ़
ताले तो अलीगढ़ के - गंगा किनारे वाले छोरे की बंद अकल का ताला भले ही बनारसी पान से खुल जाता होगा लेकिन वह ताला निश्चित रूप से बना इसी शहर में होगा। उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर की यही पहचान है।

'संगठित अपराध पर सुस्त सरकार'
साइबर अपराध अब महज तकनीकी चुनौती नहीं, बल्कि संगठित अपराध का रूप ले चुका है। हर दिन हजारों लोग ऑनलाइन ठगी, डेटा चोरी और डिजिटल ब्लैकमेलिंग के शिकार हो रहे हैं। समय के साथ ठगी के तरीकों में भी बदलाव आ रहा है। अपराधी हर नए ट्रेंड का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस विषय पर आउटलुक के राजीव नयन चतुर्वेदी ने साइबर क्राइम एक्सपर्ट और राजस्थान पुलिस के साइबर सेल सलाहकार मुकेश चौधरी से बातचीत की। अंश:

अश्लील बोल के बहाने
यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया की आपत्तिजनक बोली पर उठे शोर-शराबे के क्या मायने

महत्वाकांक्षी दौरे का हासिल
मोदी के अमेरिका दौरे की सबसे बड़ी उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में खरीद पर हुए करार बताए जा रहे हैं, हालांकि सतह के नीचे सब कुछ ठीक नहीं

ईमान और पहचान भी छिनी
अमेरिकी सेना के विमान से दूसरी-तीसरी-चौथी खेप में भी अमृतसर लौटे लोगों को सिर्फ जंजीरों में ही नहीं जकड़ा गया, बल्कि उनकी पगड़ी उतार कर केश भी काटे गए

जींद की 'रेखा'
हरियाणा की दूसरी बेटी बनी दिल्ली की मुख्यमंत्री, भाजपा ने साधे एक साथ कई निशाने

डिजिटल माफिया साया
साइबर अपराध अब सिंडिकेट का रूप ले चुका, अपराधियों के तार देश-विदेश के बड़े गिरोहों से जुड़े, मामला फर्जी डिजिटल अरेस्ट जैसे हथकंडों से आगे बढ़ा, मगर कानून अधूरे और पुलिसिया तंत्र नाकाफी

अस्थाई अदालतें तो कोई हल नहीं
लंबित मामलों के निपटारे के लिए हाइकोर्टों में जजों की तदर्थ नियुक्तियों पर भरोसा करने के बजाय मौजूदा रिक्तियों को योग्य प्रत्याशियों से भरने को तरजीह देना अहम

भारतीय रेल पर फिर सवाल
कुंभ के दौरान स्टेशनों पर हुई बदइंतजामी और मौतों ने रेलवे के दावों की खोली पोल, बहुत सुधार की दरकार

आध्यात्मिक स्मृतियों का संगम
महाशिवरात्रि, 26 फरवरी 2025 को स्नान के साथ ही \"महाकुंभ 2025\" का भव्य समापन हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार के दावों के मुताबिक तकरीबन 60 करोड़ लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई।

डिजिटल इंडिया के कील-कांटे
इंटरनेट की पहुंच का दायरा तो बढ़ गया लेकिन साइबर जागरूकता उतनी नहीं बढ़ी

दिल्ली से निकलती सियासत
आम आदमी पार्टी के दिल्ली में चुनावी पराभव से क्या राष्ट्रीय राजनीति निकलेगी, आज सबसे मौजूं सवाल यही होना चाहिए

अरविंद नहीं, कमल
मतदान से पहले तक दिल्ली की फिजाओं में गूंजती बदलाव की आहटें सच साबित हुईं, ये आहटें कितनी हकीकत थीं कितना फसाना, दिल्ली चुनाव की कहानी इसी बहस में उलझी है, लेकिन असल सवाल आप और उसके नेताओं के भविष्य का है, जिसे बचाने की कवायद जारी

निराशा और विनाश के बीच
इंटरसेप्टेड और सॉन्ग्स ऑफ स्लो बर्निंग अर्थ जैसे वृत्तचित्र यूक्रेन पर रूसी कब्जे के मुद्दे को उजागर करती हैं, फोकस विनाश की कहानियों से आगे निकलकर युद्ध के मानवीय पहलू पर

गेमिंग का नया युग
सरकारी समर्थन और बढ़ते करियर विकल्पों के कारण भारत में बढ़ रहा ऑनलाइन गेमिंग का बाजार, ठोस नीति की कमी और टैक्स से जुड़ी चिंताएं अब भी भारी

आया गया अडा
पिछली महायुति सरकार ने मिड-डे मील में अंडा जोड़ा, तो इस सरकार ने हटा दिया

अमन के दावों पर मौतें भारी
घाटी में पिछले दिनों सिलसिलेवार हुई उत्पीड़न और हत्या की घटनाओं ने उठाए अमन-चैन के केंद्र के दावे पर सवाल

आध्यात्म और संस्कृति का अनोखा संगम
महाकुंभ में देश और विदेश से पहुंचे करोड़ों लोगों ने गंगा, \"यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाई

भविष्य का रास्ता
असल संदेश भविष्य की उस राजनीति का है जो मोदी की सियासत को चुनौती दे सके, अगर यह विचारधारा की लड़ाई की मुनादी है, तो फिर राहुल गांधी को भी बदलना होगा

ट्रम्प की जल्दबाजी
पद संभालते ही आदेशों का शुरू हुआ सिलसिला कहां ले जाएगा अमेरिका को?

जंजीरों में लौटे आज के गिरमिटिया
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही अवैध आप्रवासियों को उनके देश भेजने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, उसकी गूंज भारत की घरेलू राजनीति और संसद को हिला रही

मैला अकादमिक अंचल
अकादमिक दुनिया और उच्च शिक्षा संस्थानों का हाल अभय मोर्य से भला बेहतर कौन बता सकता है, और शायद दशा-दिशा के संप्रेषण का कथा-कहानी से बेहतर प्रभावी साधन भला कोई दूसरा क्या हो सकता है।

बॉलीवुड के अंधेरे-उजाले
हाल में फिल्म से जुड़ी किताबों में अजय कुमार शर्मा की बॉलीवुड के अनकहे किस्से थोड़ा हटकर है। हर अध्याय के अंत में 'चलते-चलते' के छोटे पैराग्राफ नई जानकारी एक बोनस की तरह हैं।

शहरनामा - देवघर
झारखंड की राजधानी रांची से लगभग ढाई सौ किलोमीटर दूर अत्यंत प्राचीन और धार्मिक शहर है देवघर।

लड़ाई विचारधारा की है
दिल्ली में दलित राजनीति का एक प्रमुख चेहरा एडवोकेट राजेंद्र पाल गौतम हैं, जो डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा स्थापित समता सैनिक दल के साथ दशकों से जुड़े रहे हैं। सीमापुरी विधानसभा से पिछली दो बार विधायक चुने जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार में उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता सहित अनुसूचित जाति/जनजाति और महिला एवं बाल विकास जैसे अहम मंत्रालय संभाले। पिछले साल सितंबर में उन्होंने मंत्री पद और आप की सदस्यता से अचानक इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस पार्टी में चले गए। उनके साथ आम आदमी पार्टी के कई दलित नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने ईवीएम विरोधी अभियान चलाया। इस चुनाव में वे कोई सीधी भूमिका नहीं निभा रहे हैं, न ही खुद लड़ रहे हैं, लेकिन उनके जय भीम मिशन से जुड़े कुछ लोग अलग-अलग मंचों से प्रत्याशी हैं। मिशन के फिरोजशाह रोड स्थित कार्यालय में दिल्ली की राजनीति, दलित राजनीति और मौजूदा चुनाव पर अभिषेक श्रीवास्तव ने राजेंद्र पाल गौतम के साथ विस्तार से बात की।

ईवीएम राजनीति
ईवीएम पर मुख्यमंत्री के बयान से कांग्रेस को गुरेज मगर गठबंधन बनाए रखने की मजबूरी

भाजपा को सूझ नहीं रही राह
पार्टी विधायक दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दुविधा में

विस्तार या करार पर जोर?
ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में युद्ध खत्म करने, अमेरिका के विस्तार और दूसरी विवादास्पद नीतियों के मिलेजुले संकेत

रेवड़ी नहीं देना, लोगों को पटरी पर लाना है
बीते नवंबर में दिल्ली की 70 सीटों पर न्याय यात्रा निकालकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने चुनावी बिगुल फूंक दिया था। दिवंगत शीला दीक्षित के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में ही यादव पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके थे और एआइसीसी में उत्तराखंड सहित पंजाब के प्रभारी भी रह चुके हैं। चुनाव में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने के साथ वे बादली विधानसभा से खुद प्रत्याशी भी हैं। प्रचार पर निकलने से पहले कोहाट एंक्लेव स्थित उनके आवास पर तड़के अभिषेक श्रीवास्तव ने देवेंद्र यादव के साथ विस्तृत बातचीत की।

खेल बड़ा या खिलाड़ी?
फटाफट पैसा कमाने और ब्रांड वैल्यू बनाने की चाहत का भारतीय क्रिकेट पर दिखने लगा नकारात्मक असर, स्टार खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट से बना रहे दूरी