खाद्य के बिना महंगाई साधना सही नहीं
Business Standard - Hindi|July 27, 2024
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आर्थिक समीक्षा में महंगाई पर अंकुश रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य में खाद्य महंगाई को बाहर करने का विचार पेश किया गया था। लेकिन ज्यादातर अर्थशास्त्रियों और केंद्रीय बैंक पर नजर रखने वाले लोगों ने इस मसले पर समर्थन नहीं किया है।
मनोजित साहा
खाद्य के बिना महंगाई साधना सही नहीं

आर्थिक समीक्षा में महंगाई को लक्षित करने के ढांचे की पुनर्समीक्षा की बात उठाई गई है। आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि जब खाद्य उत्पादों की महंगाई बढ़ती है तो महंगाई के लक्ष्य पर खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में केंद्रीय बैंक सरकार से खाद्य उत्पादों के बढ़े हुए दामों को कम करने के लिए अपील करता है। इसकी वजह से किसान बढ़े हुए दामों पर अपनी फसल बेचने के लाभ से वंचित हो जाते हैं। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित समग्र महंगाई की व्यवस्था को अपनाने का कारण यह है कि आरबीआई के लिए आम लोगों को इसे समझाना आसान था।

केंद्रीय बैंक पर नजर रखने वाले एक जानकार ने कहा, 'खाद्य मूल्य सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं। प्याज के महंगे दामों के कारण एक बार सरकार गिर चुकी है।'

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